Book Title: Gyansgar Mahakavi Ke Kavya Ek Adhyayan Author(s): Kiran Tondon Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra ByavarPage 16
________________ D ON जिनालयों का तक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है । पाषाण टंकोत कीर्ण वास्तु कला को पुनरोज्जीवित करने वाला भारत वर्ष का यह अनुपम दिगम्बर तीर्थ क्षेत्र अनोखा कीर्तीमान स्थापित करेगा । स्वर्ण अवसर- आइये हम सबके महान् सातिशय पुण्य के उदय से ज्ञानोदय तीर्थ में अनेक मांगलिक शुभ योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है। कितना अच्छा अवसर है कि उपरोक्त योजनाओं को आपकी जड़ सम्पदा द्वारा स्थापित करने का । जड़ सम्पदा पुण्य के उदय से आती है लेकिन जाने के दो द्वार होते हैं । एक पाप कार्यों के द्वारा और दूसरी पुण्य कार्यों के द्वारा । भरत चक्रवर्ती ने भी अपने धन का सदुपयोग करके कैलाश पर्वत पर 72 स्वर्णमयी जिनालय बनवाये थे अर्थात चक्री ने भी अपना धन व्यय किया था । और एक रावण था जिसने अपने धन का दुर्पयोग अपने पापोपभोग करके महलों को, लंका को स्वर्णमय बनाकर नष्ट किया था। दोनों के परिणाम आप हम सब जानते है । एक चक्रवर्ती ने अपने धन का सदुपयोग जिनालय बनाने में किया सो वह जिनालय के समान पूज्य जिनेन्द्र देव के पद को प्राप्त हुआ और रावण ने भोग सामग्री में किया तो उसे नरक का वास मिला । आईये- हम सब इश्वाकु वंशी भरत चक्रवर्ती के वंशज हैं। हमें भी परम्परानुसार अपने धन का उपभोग ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र में बनने वाले जिनालयों में करना है और इश्वाकु वंश के कुल दीपक बनने का गौरव प्राप्त करना है । इस तीर्थ की समस्त धार्मिक योजनायें अति शीघ्र करने का संकल्प समाज ने लिया है । अतः शीघ्र विचारिये, सोचिये एवं अपने दान की घोषणा करके चक्रवर्ती के वंश के बनने का गौरव प्राप्त करिये। आप सब के सहयोग से ही यह तीर्थ भारत में दिगम्बर जैन संस्कृति की ध्वजा को फहरा सकेगा और अजमेर जिला भारतीय दिगम्बर जैन संस्कृति में अपना एक ऐतिहासिक अध्याय जोड़ सकेगा । भारतवर्ष का प्रथम बहुउद्देशीय नवोदित यह ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र अनेक योजनायें अपने गर्भ में संजोय हुए है । उन्हीं योजनाओं में से पू. मुनि श्री सुधासागर जी के आर्शीवाद प्रेरणा एवं सानिध्ये में "श्री दिगम्बर जैन ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र ग्रन्थालय" नाम से एक पुस्तकालय शुभारम्भ किया गया - इस क्षेत्र से प्रसूत इस पुष्प के अन्तर्गत जिनवाणी के प्रचार प्रसार हेतु ग्रन्थों को प्रकाशन कराने के कार्य का भी शुभारम्भ किया जा रहा है । श्रुतदेवताय नमः ! . . प्रस्तुति : दिगम्बर जैन समिति (रजि.) अजमेर (राज.) कैलाशचन्द पाटनी, अजमेर कार्यालय : श्री दिगम्बर जैन ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र नारेली-अजमेर (राज.) । फोन नं. 33663, वीर निर्वाण सं. 2522 ईसवी सन्-1996 कPage Navigation
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