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सादर समर्पण
श्रीमान् स्व. डॉ. आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये, कोल्हापूर, जिन्होंने जीवराज जैन ग्रन्थमालाके आजीवन ऑनरेरी सम्पादक रूपसे ग्रन्थमालाकी तथा जैन साहित्यकी असाधारण सेवा की
एतदर्थ यह ज्ञानार्णव ग्रन्थ उनकी पावन स्मृतिनिमित्त
सादर समर्पित
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