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डॉ. बी. एल. बसेर, सह-प्रोफेसर मृदाविज्ञान एवं कृषि-रसायनविभाग, श्री कर्णनरेन्द्र कृषि महाविद्यालय, जोबनेर [राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर] तथा श्री मोतीलालजी शर्मा, अधीक्षक, शारीरिक शिक्षा-विभाग, राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर [राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर]- इन सभी ने गीता-चयनिका की प्रस्तावना को सुनने के लिए समय दिया । अतः मैं आभारी हूँ। . मेरी धर्म-पत्नी श्रीमती कमला देवी सोगाणी ने इस पुस्तक के श्लोकों का मूल ग्रन्थ से सहर्ष मिलान किया तथा प्रूफ-संसोधन में सहयोग दिया। इसके लिए प्राभार प्रकट करता हूँ। . इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए प्राकृत-भारती
अकादमी, जयपुर के सचिव श्री देवेन्द्रराज मेहता तथा संयुक्त सचिव एवं. निदेशक महोपाध्याय श्री विनयसागरजी ने जो व्यवस्था की है, उसके लिए उनका हृदय से आभार प्रकट करता हूँ।
अग्रवाल प्रिन्टर्स, उदयपुर को सुन्दर छपाई के लिए धन्यवाद देता हूँ।
कमलचन्द सोगारणी
प्रोफेसर, दर्शन-शास्त्र
दर्शन-विभाग सुखाड़िया विश्वविद्यालय
उदयपुर [राज.]
चयनिका ]
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