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३५. आयुष्य
३६. निर्वाण
: सर्वायुष्य (४८+६+२१ =) ७८
वर्ष । : सम्पूर्ण ७८ वर्ष का आयुष्य पूर्ण
करके प्रभु श्री महावीर परमात्मा के जीवन-काल में ही मगधदेश की राजगृही नगरी के वैभारगिरि पर, सकल कर्मों का क्षय करके निर्वाण (मोक्ष) प्राप्त किया। मोक्ष में आज भी उनकी सादि अनंत स्थिति प्रवर्त्त रही है और भविष्य में भी सर्वदा ऐसी रहेगी।
के नौवें गणधर श्रीअचलभाता ; १. नाम : श्री अचलभ्राता। २. पिताश्री : श्रीवसु । ३. मातुश्री : नन्दादेवी । ४. जाति : विप्र (ब्राह्मण)। ५. गोत्र : हारित गोत्र । ६. जन्म-भूमि : कोशला (अयोध्या) नगरी ।
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