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श्रीसंघ ने बेन्ड युक्त स्वागत किया। व्याख्यान में संघ पूजा शा. दानमल सम्पतराज की ओर से हुई। दोपहर में जिनमन्दिर में श्री पार्श्वनाथपंचकल्याणक की प्रभावना युक्त पूजा पढ़ाई गई। • ज्येष्ठ (वैशाख) वद १५ बुधवार दिनांक २७-५-८७ के दिन पूज्यपाद प्राचार्यभगवन्त आदि डायलाना पधारे । मंगलप्रवचन के पश्चात् जिनमन्दिर के कार्य अंगे पुनः श्रीसंघ को पूज्यपाद श्री ने मार्गदर्शन दिया।
बागोल में जैन भवन का उद्घाटन, ७३ वीं ओली का पारणा, बड़ी दीक्षा तथा
दशाह्निका-महोत्सव (१) ज्येष्ठ सुद १ गुरुवार दिनांक २८-५-८७ के प्रातः डायलाना से विहार करके बागोल गाँव पधारते हुए शास्त्रविशारद पूज्यपाद प्राचार्यदेव श्रीमद्विजयसुशीलसूरीश्वरजी म. सा. आदि का बेन्ड युक्त स्वागत श्रीमान् रतनचन्दजी दलीचन्दजी कोठारी द्वारा श्रीसंघ ने किया। जिनमन्दिर में दर्शनादि के बाद पूज्यपाद आचार्य म. सा. का मंगल प्रवचन हुआ। बाद में श्री रतनचन्दजी की
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