Book Title: Gandharwad Kavyam
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram

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Page 429
________________ श्रीसंघ ने स्वामीवात्सल्य भी किया। शा. हस्तीमलजी चमनीरामजी के घर पर चतुर्विध संघ सहित बाजते-गाजते पूज्यपाद आचार्य म. सा. आदि पधारे। वहाँ पर ज्ञानपूजन एवं मंगलप्रवचन के बाद संघपूजा हुई। कोटगाँव में प्रभुपूजा एवं स्वामीवात्सल्य ज्येष्ठ सुद १२-१३ मंगलवार दिनांक ६-६-८७ के दिन प्रातः मगरतालाव से कोटगाँव पधारे। वहाँ पूज्यपाद प्राचार्य महाराजश्री आदि का ढोल-थाली युक्त श्रीसंघ ने स्वागत किया। जिनमन्दिर में दर्शनादि करके जैनधर्मशाला में पधारे। वहाँ पर मंगलप्रवचन हुआ। दोपहर में प्रभावनायुक्त प्रभु पूजा का कार्यक्रम रहा । तथा दो टंक का स्वामीवात्सल्य भी हुआ । १८ ज्येष्ठ सुद १४ बुधवार दिनांक १०-६-८७ के दिन प्रात: कोटगाँव से विहार द्वारा पनोतागाँव पधारते हुए पूज्यपाद आचार्य म.सा. आदि का ढोल-थाली युक्त स्वागत किया। जिनमन्दिर में दर्शनादि करने के बाद शा. बाबूलाल चौथमलजी सरपंच के घर पर पगलां किये । ( १९६ )

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