Book Title: Gandharwad Kavyam
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram

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Page 428
________________ को शिष्या पूज्य साध्वी श्री पद्मयशाश्रीजी की बड़ी दीक्षा नारणसमक्ष चतुविध संघ की उपस्थिति में विधिपूर्वक हुई । बाद में प्रभावना भी हुई । उसी दिन श्रीमान् रतनचन्दजी दलीचन्दजी कोठारी ने 'कंकुबाई जैनभवन' श्रीसंघ को समर्पित किया । बृहद् शान्ति स्नात्र विधिपूर्वक पढ़ाया गया और स्वामीवात्सल्य भी किया । जेठ सुद १० रविवार दिनांक ७ ६-८७ के दिन सत्तरह भेद की पूजा प्रभावना सहित पढ़ाई गई । महोत्सव की पूर्णाहुति हुई । तथा • १६ मगरतालावगाँव में अठारह अभिषेक तथा प्रभुपूजा ज्येष्ठ सुद १९ सोमवार दिनांक ८-६-८७ के दिन प्रातः बागोल से विहार कर मगरतालाव गाँव में पधारते हुए परमपूज्य आचार्य महाराज श्रीमद्विजयसुशीलसूरीश्वरजी म. सा. आदि का श्रीसंघ ने ढोल थाली द्वारा स्वागत किया तथा प्रवचन के पश्चात् प्रभावना की । दोपहर में जिनमन्दिर में अठारह अभिषेक की विधि हुई और श्रीपार्श्वनाथ पंचकल्याणक की पूजा पढ़ाई गई । ( १९५ ) ROP

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