Book Title: Gandharwad Kavyam
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram

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Page 415
________________ तखतगढ़नगर में प्रवेश, बड़ी-दीक्षा तथा उद्यापन महोत्सव वैशाख सुद १० शुक्रवार दिनांक ८-५-८७ के दिन कोसेलाव से विहार द्वारा तखतगढ़नगर में महोत्सव निमित्त पधारते हुए अनुपम शासन प्रभावक परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजयसुशील सूरीश्वरजी म. सा. आदि का श्रीमान् भेरूमल मूलचन्दजी की अोर से बेन्ड युक्त स्वागत हुआ। मुख्य दोनों जिनमन्दिरों में दर्शनादि करके नूतन श्री आदिनाथ जैन उपाश्रय में पधारे । वहाँ पर पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. का तथा पूज्य मुनिराज श्री जिनोत्तम विजयजी म. का प्रवचन होने के पश्चात् प्रभावना हुई। उसी दिन पूज्यपाद श्री की पावन निश्रा में स्वर्गीय श्रीमान् मूलचन्दजी किस्तूरचन्दजी की धर्मपत्नी श्रीमती शकुबाई द्वारा की हुई विविध तपश्चर्या के अनुमोदनार्थ ६ छोड़ का उद्यापन-उजमणा युक्त 'अष्टाहि नकामहोत्सव' का प्रारम्भ हुआ। प्रतिदिन व्याख्यान-पूजाप्रभावना-प्रांगो-रोशनी तथा रात्रि को भावना का कार्यक्रम चालू रहा। दशम के दिन श्री पार्श्वनाथ पंचकल्याणक पूजा पढ़ाई गई। ( १८२ )

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