Book Title: Gandharwad Kavyam
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram

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Page 401
________________ म. सा. आदि का तथा पूज्य मुनिराज श्री नयरत्नविजयजी म. आदि का सुभग सम्मिलन हुआ। वहाँ से श्रीमान् जबरमलजी कोठारी के बंगले पर पधारे। वहाँ पर परम शासनप्रभावक परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. की पावन निश्रा में 'श्रीसिद्धचक्रमहापूजन विधिपूर्वक पढ़ाया गया। संघपूजा भी हुई। बाद में पूज्यपाद आचार्य म. सा. आदि भैरूबाग पधार गये। • फागण (माह) वद १५ शुक्रवार दिनांक २७-२-८७ के दिन भैरूबाग में पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. का प्रवचन हुआ। दोपहर में परमपूज्य आचार्य भगवन्त आदि श्रीमान् उपयोगचन्दजी भण्डारी के घर पर पधारे। वहाँ पर उनको श्री पुण्यप्रकाश स्तवन तथा श्री पद्मावती आराधनादि सुनाया। बाद में उनके सुपुत्र श्री सुखपालचन्दजी भण्डारी ने प्रभावना की। • फागण सुद १ शनिवार दिनांक २८-२-८७ के दिन प्रातः भैरूबाग से परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशीलसूरीश्वरजी म. सा. आदि, पूज्यपाद प्राचार्य श्रीमद्विजय विबुधप्रभसूरिजी म. सा. आदि तथा पूज्य मुनिराज श्री ( १६८ )

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