Book Title: Epigraphia Indica Vol 24
Author(s): Hirananda Shastri
Publisher: Archaeological Survey of India

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Page 344
________________ No. 38.] 45 व्रता 44 नवचरितो । मानवदेवो जिनेन्द्रपदपथा [र्चको ] ' ॥ [ ११* ] तस्य सतो मेण्डबा ।' सीतेव पति निरिता । सत्यवती [वि]नयवती । सतताहारप्रदायिनी gra | [। १२*] तष्णौ MASULIPATAM PLATES OF AMMARAJA II. Fourth Plate; First Side. 46 [सु]तौ प्रसिद्धौ । बुद्धिपरौ । सकलशास्त्रशस्त्रविवेकौ । भीमनरवाहनाख्यौ ।" विख्यातौ रा 47 मलक्ष्मणाविव लोके ॥ [ १३* ] यौ भीमार्जुनश (स) यो ।' बलबुतबलदेव वासुदेव[समा]नौ । [न] 48 कुलदेवतुल्यौ ।' तो जातो जेनवनिरतचरित्रौ ॥ [ १४ * ] 'श्रीमतचा लुक्बभौम[चितिपतिकृप] - 50 49 या लब्धसामन्तचिह्नौ ।' श्रीहारौ बरष्ठीवन (?) पद विलसत्वा (चा) मरच्छच[लोलौ ।] रिकस्थौ शिखिरुहपटलच्छाद्यसत्कर्करीको ।" जातौ चालुक्य [चूली] करिहयौ काहलाद्यभ्युपेतौ ॥ [ १५* ] 'जैनाचार्य्यो यदीयो गुरुरखि62 लगुणचन्द्रसेनाख्यशिश्यो' ।' श्शास्त्रज्ञोर्खा (नाथसेनो म्मु (सु) निनुतजयसेनो मुनिद्दचितात्मा । 51 ― सि 53 चान्तः कलाः परसमयपटुः सबुतोत्कृष्टवृत्त । सत्याचा श्रावका क्षपणकसु [ज] 54 न शका ( ) वकानाम् ॥ [ १६ ] तो ताभ्यां राजभीमनरवाहणा (ना)भ्यां विजयवाटिकाय Fourth Plate; Second Side. 55 जिनभवनयुगविप्रितमेतद्यमार्त्यमस्माभिराकारपरिहारं देवभोगौ 56 कृत्य पेef life urruनाम ग्रामो दत्तः [*] अस्वावचयः 277 4 Danda is unnecessary. • Read श्रीमंशालुका 1 Mark of punctuation is unnecessary here. [ Reading is पदपद्मालि: N. L. R.] The word faa is written below the line; obviously the scribe inserted it in revision. • Metre : Sragdhara. The letter I am inclined to read the letter as f in preference to fe. Read ferit. । पूर्व्वतः मण्डयू - is written beneath the line; it appears to have been inserted by the scribe during revision

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