Book Title: Dharm Ke Dash Lakshan
Author(s): Moolchand Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 17
________________ धर्म के लक्षण राज पुरोहित को काला मुंह करके गधे पर चढ़ा कर देश से बाहर ले जाया जा रहा है। बच्चे कंकड़ पत्थर मार रहे हैं। और प्रजा के लोग उन्हें धिक्कार रहे है। देखली तेरी बगुली भक्ति विश्वासघात किया। भुगत. भूठे का उसका फल मुंह काला धिक्कार हैं। बनता फिरता धिक्कार हैं। था सत्यघोष! M 7 Hin क्या सुन्दर लिखा है। उन्तम सत्य वरत पालीजे.पर विश्वासघात न कीजे" 15 .

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