Book Title: Dharm Ke Dash Lakshan
Author(s): Moolchand Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 23
________________ मुनि शुभचन्द्र ने तपस्वी शुभचन्द्र ने अपनी चरणरज को फेंका शिला पर और वह विशाल शिला स्वर्ण मय हो गई। All धर्म के लक्षण भर्तृहरि ! तप का यह प्रभाव तो कुछ भी नहीं सम्यक तप से तो कर्मों के बंधन भी तड़ तड़ टूट कर गिर पड़ते है! और एक दिन मुक्ति की प्राप्ति हो जाती है। सुना नहीं, तप के विषय में क्या कहां है।" उत्तम तप सब माहि बरखाना, कर्म शैल को वजू समाना" और भर्तृहरि भी बन गये दिगम्बर मुनि... 21 د. coooo Router] हैं। यह क्या? कमाल की है आपकी तपस्या असली तपस्या तो यह है ! Lype

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