Book Title: Devananda Mahakavya
Author(s): Meghvijay, Bechardas Doshi
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 29
________________ सिंघी जैन ग्रन्थमाला] [ देवानन्द महाकाव्य मिसरा दिवानपिपललिबियन-रिसरातला ANMonthsmarwadisीशापयामशाहपका महामायामासनावरण विपरीनवटेवरcosmविवामित्रपकमवाली रामस्वाममार-छिपमन्यमबाAANGREramin manslation पव्याघrsana गण्यानजीबीऐतहाथियापिटायाश्वजिनेश्वर श्रियातनोडर ऐदिवमेहलानना ननाभवामीसमवाय तिहिरण्यगतंग्रिनमनिंदशि 1 जूयत्ययश्रीविजयादिदेवकोपधनीवामदातयामद श्रियायखहर सस्मरंधनासिकाईकलनेह विनाशा किवचरविमुलत्चिषा किमेतदित्याजिलमाकितंजलविद्युदिशासरस्वती पीनययोधरोस्तमंकि मध्यांनोजलसवसितदीयदाश्रयस्यायते कविवचाकमांदमुन्ना या यात्रामा स्दश्त्य बोधिसभासदकजातिपण्यकलाधरीधर तमचैविनायकारक मौनी जानी मा योजन84 सजनमाश्रयेश्रियेटोघमंततिसिते नशेउना या असजनमगुएधिकाषिगो निवेद सोमालतयोगिमा। सुसीमतोनिरसैपिबिचतापरावरेवततीतबारा प्रत्तोपोगणगों रवेस्तव मसँकविधान वितथिको सदोखरीमलमटि स्वकांतित्तिविक Reemपिमित hinअनजानाSump किसने दरमास वाम्मामीनारायला 12याशीमा नाकारानपक्षमाम ममानिनाम्यारो Js RSSASSASHTR A SUCHAR RANCHI फ विवादमनिषावाव्य काव्यचकार देवानवसाक्षलविलधियांशोधानोमवाघासान धाकट्यानुनविनाघेस्तकाती हास्येवंभमंदास्पेसिनियधाशयतीविनोक कविता पदस्पनिमना स्य हसिंसाध्यस्मशहा श्रीममाधवस्वघोषि सुखसमितितिविधियानस्यों नित्परते सुतवसमाजज्ञसमस्या तो सेयशरदचदिवशतिनोळयहिकात्म अस्यांनमकर वाचा नाल कारारसायनामनिवारक सतोपाणिग्रह श्रिय कविक्रोक्तिसाविध्य में यस्यांदापनहिं सौताम्यवशनोजकेचदाईकनिनामयिनि नयनाधेि मितेव हषेपासादनीनगरे यामल समननिदिनदेशध्यामिनियाराशरेशियाबाऽमित जवर्ष बलालिरवकागेमिमशिमलीभेरुवााजियज्ञराजा श्रीमारादिविजयासिधाशा निश्रीभवानंदमहाकादिक्षतापराबरवरकिवाधसमापाचवीलयाग मियाधायशी अवविद्यमणिविदितश्रीविनयवासराश्वरानबामझनमध्य मरसाचाराविनयधराचायवालवामामशासरिसंशामिशिकायम INSTAGaller चलधिनधाशिमिहिमध्यास्वा श्रीरस्कमाकल्याणमस्तगालश्वकपाका योगाश्रीभागायुग्मसम्यमंगलसोरमसिनोमाघेवहिजाननित्यादयाय यस्यास्यासादना म्यनाशाश्तावोटिंधनामेरुवस्त्रीश्चक्षीराशरकादशशोक लाकोलोकेसमधती वाचकेवाययकेची पदेयान्नित्यसमधन शमायालगिरिडोरिस्पलखनी लेवनंदनवा च कैधिविजयस्तमुकतदेतदेवाइतिघप्रशसिधा समाजात प्रतिभयात्री ४१ आद्य पत्र, द्वितीय पृष्ठि। *२ उपान्त्य पत्र, द्वितीय पृष्ठि । ३ अन्तिम पत्र, प्रथम पृष्ठि ।

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