Book Title: Dan Kalpadrum
Author(s): Jinkirtisuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 5
________________ "व्योमाग्निवार्चिशीतांशुमिते संवत्सरे वरे।" "प्रमदाप्रमदाद्वैतदायिनं सुषुवे सुतम् ।" "अद्रीश्वराश्यम्बुधिचन्द्रसम्मिते, भृते प्रमोदप्रकरण वत्सरे।" “समं भगिन्या गिरिदेवताधुता, सोमेन दीक्षा जगृहे महामहैः ॥" "श्रीवाचकोत्तमपदं खशराब्धिचन्द्रसंवत्सरे विगतमत्सरचित्तवृत्तेः ।" "अब्दैः समस्य समभून्नखसम्मिताब्दैः शाब्देन सन्मधुरिमाऽतिशेयन तस्य ॥" - "वर्षे कुलाचलशिलीमुखवारिराशि-पीयूषदीधितिमितेऽप्रमिते प्रमोदैः।" "श्रीसोमसुन्दरगुणोज्ज्वलवाचकाना-माचार्यवर्यपदमद्भुतकारि जज्ञे ॥" "वर्षे नन्दनिधानवारिधिहिमज्योतिर्मिते स्वर्ययुः।" इत्यलम् ॥ अल प्रन्थस्य शोधनसमये पुस्तकत्रयमुपलब्धमासीदेकन्तावदारब्धाचामालमहातपशोषितविग्रहाध्यात्मभाव Jain Education D onal For Private & Personel Use Only www.jainelibrary.org

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