Book Title: Charcha Sagar Author(s): Champalal Pandit Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad View full book textPage 5
________________ १५७ सिबपूजा १५८ . चर्चा संस्था प्रज्योकिमान पदसिंख्या पोंक माम १४९ पूजाके मन्त्र ईर्यापथशुद्धिपाठ दर्शनपाठ मंत्र एक संधिकृत घनाकयाकोश, श्रीपालचरित्र उत्तरपुराण, यशस्तिलक चंपू। जिनसंहिता, पूजासार, धर्मरसिक पूजाविधि जिनयशकल्प धर्मरसिक । देवपूजा व्रतकथाकोश निर्वाणकांड प्राकृत । पूजाके प्रतिष्ठापाठ महाभिषेक, शान्तिचापूजा पाठ । नित्यपूजा, सिद्धपूजा, मक्तामर स्तोत्र । फुटकर श्लोक । । १५० फुटकर श्लोक प्रतिष्ठापाठके है शुभचंद्र विरचित सहस्रगुणी पूजा, सकलकीर्ति विरचित १५१ पूजासार शांतिपुराण। प्रतिष्ठासार, वसुनंदिकृत प्रतिष्ठापाठ ! माव१५२ शांतिचक्रपूजा लघुस्नपन संग्रह, पदमनंदिपंचविंशतिका । धर्मकीतिकत नंदीश्वरपूजा। मुक्तावली पूजा, अभय दिकृत श्रेयोविधान, प्रभाकरसेन प्रति१४४ पूजासार ष्ठापाठ। माशाधर विरचित जिन यज्ञकल्प त्रिाल चतुर्वि१५५ पजासार, वास्नपन शतिका पूजा। योगींद्रदेवकृत प्राकृत श्रावकाचार बादिपुराण । पूजासार एक सैषिकूत जिनसंहिता शांतिचक्रविधान 1 अकृत्रिम चैत्यालयको भाषापूजा, सुपार्श्वनाथको पूजा, चंद्रप्रभकी पूजा, शीतलनाथकी पूजा, श्रेयांसनाथकी पूजा, वासुपूज्यकी १५९ फुटकर श्लोक पूजा। दिमलनायको पूजा, अनन्तनाथकी पूजा, शांतिनाथको पूजा, अरहनाथको पूजा, बरिष्ट नेमिनाषकी पूजा, महायोरको १६१ फुटकर श्लोक पूजा। शांतिचक ऋषिमंडल पंचकल्याण कर्मदहन षोडश१६२ पूजासार कारण दशलक्षण रत्नत्रय साद्वितयद्वीप, इन्द्रध्यज पंचमेक १६३ (ये सब पंच एक संधि कृत जिनसंहिता पूजासार जिनयज्ञ- नन्दीश्वर बादि सबकी पूजाओं में है। वसुनंदि सिवांतचक्रवर्ती १६४ कल्पविद्यानुवाद, णमोकार कल्प, बसुनंदि प्रतिष्ठापाठ कृत जिनसंहिता, व्रतकथाकोश, वसुनंदिश्रावकाचार, सिद्धांत१६५ विवर्णाचार, शांतिचक्र, रत्नाकर आदि शास्त्रोंसे लिखे हैं। सार दीपक, षट्कर्मोपदेश रत्नमाला । वसुपालकी कथा, मदना१६९ विश्वकाक्षरीवर्णकोश, एकाक्षरीकोश,स्वामिकार्तिकेयानुप्रेक्षाकी वलोको कथा, उमास्वामोश्रावकाचार सारसंग्रह, षट्पाइड। टीका । कासंत्र आदि व्याकरणके सूत्रश्लोक, परमतके श्लोक, योगोन्द्रदेव श्रावकाचार, महापुराण, तस्वार्थसार, चैत्यभक्तिपदमावती कल्प, त्रिवर्णाचार, जानार्णव, जिनसंहिता, पूजासार पाठ, श्रीपालको कथा, विद्याधरकी कथा, ब्राह्मणी शेठकी पुत्री जिनयज्ञकल्प, जिन प्रतिष्ठापाठ, शांतिचक्र महाभिषेक। माया- कुम्हारको कथा । पुरंदर विधानवतको कथा, सुभाषित ग्रन्थ । वीज कल्प। फुटकर श्लोक कथा। १६७ अमरकोश, बालबोधपंचांग, व्याकरणके सूत्र, दर्शनपाठ। १६९ बमनंदिश्रावकाचार | धर्मरसिक । १६८ त्रिवर्णाचार, प्रतिष्ठापाठ, आदिपुराण, जिनयज्ञकल्पकी वृत्ति । १७० जिन प्रतिष्ठापाठ, इन्द्रध्वज, सार्धद्वितय द्वीपक्षेत्रपूजा, शांति अजतपुराण, फुटकर श्लोक, जिनयज्ञकल्पा पूजासार, आरा- चक्र, लघुस्नपन, मध्यस्नपन, वहस्नपन, पंचकल्याण, चतुविशतिPage Navigation
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