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चांदनी भीतर की
बड़ा किया जाता है, पढ़ाया जाता है, वे जब बड़े होते हैं तब सबसे पहले चूल्हे अलग जलते हैं। पिता-माता गांव में रहते हैं और पुत्र अपनी पत्नी के साथ प्रदेश चला जाता है। शायद कई बार पिता-पुत्र वर्षों तक मिलते ही नहीं हैं। कभी कभी तो पिता पत्र कोर्ट में ही मिलते हैं। इस स्थिति में जीवन-शैली में परिवर्तन आवश्यक है। एक अवस्था के बाद पारिवारिक झंझटों से मुक्त रहकर अलग प्रकार का जीवन जीया जाए। त्याग वैराग्य का जीवन जीया जाए तो जीवन की एक नई दिशा का उद्घाटन संभव बन सकता है। मोह कम करें
सबसे महत्त्वपूर्ण बात है--घर का मोह कम हो जाए। अलगाव का सा जीवन जीया जाए । व्यापार चल रहा है, पुत्र दुकान पर बैठते हैं पर वह उसमें लिप्त न हो। घर में रहना गृहस्थी नहीं है। गृहस्थी का मतलब है घर में लिप्त हो जाना। व्यक्ति घर में इतना लिप्त हो जाता है कि मृत्यु-शय्या पर भी उसका मोह नहीं छूटता।
पिता की मौत सन्निकट थी। सारे पुत्र पिता की सेवा में उपस्थित थे। पिता ने आंखें खोली, देखा--बड़ा लड़का भी यहीं बैठा है, मझला और छोटा लड़का भी यहीं बैठा है। पिता से रहा नहीं गया, उसने अपने पुत्रों से पूछा--दुकान पर कौन है ? बड़ा लड़का बोला--पिताजी ! दुकान पर कोई नहीं है। बेवकूफों ! तुम सब यहां बैठे क्या करोगे, दुकान पर जाओ। यह कहते-कहते पिता के प्राण पखेरु उड़ गए।
अंतिम सांस तक घर का मोह नहीं छूटता। यह अत्यंत लिप्तता का जीवन अच्छा जीवन नहीं है। यह न जीने की कला है और न मरने की कला है। जीवन और मृत्यु का रहस्य ___ हम अपने जीवन की शैली को बदलें, अपनी शांति के लिए बदलें। त्याग केवल अपनी शांति के लिए होता है, वह किया नहीं जाता। जो व्यक्ति यह निश्चय कर लेता है-मुझे शांति का जीवन जीना है, वह स्वतः त्याग में चला जाता है। त्याग का अर्थ केवल खाना छोड़ना नहीं है। त्याग का एक अर्थ यह भी है-मैं अधिकतम मौन रहूँगा । जितना बोलना आवश्यक होगा, उतना ही बोलूंगा। मैं शरीर की भी अनावश्यक प्रवृत्ति नहीं करूंगा। मन की प्रवृत्ति का संयम, शरीर की प्रवृत्ति का संयम, वाणी की प्रवृत्ति का संयम-यह त्याग का व्यापक सन्दर्भ है। मुनि बन जाना कोई अंतिम बात नहीं है। मुनि बनना साधना के मार्ग को स्वीकार करना है, मंजिल बहुत दूर है। जैसे-जैसे वृद्धता आए वैसे-वैसे वैराग्य बढ़ता जाए तो शांति और समाधि बढ़ेगी। शांति और समाधि देना किसी दूसरे के हाथ में नहीं है। शांति और अशांति का, समाधि और
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