Book Title: Chaitya Purush Jag Jaye Author(s): Mahapragna Acharya Publisher: Sarvottam Sahitya Samsthan Udaipur View full book textPage 9
________________ (4) शांति का संदेश, देखने का कोण बदलें । सोचने का कोण बदलें, शांत हो आवेश । हिंसा का कारण है रोटी, और गरीबी उसकी चोटी, पर भूखा हिंसा करता जब शांत नहीं आवेश ।। 1 ।। शांति का संदेश... जटिल परिस्थिति जब-जब आती, तब-तब हिंसा भी बढ़ जाती, स्थिति कैसे बदलेगी जब तक, आवेश ।। 2 ।। शांत नहीं शांति का संदेश... कभी क्रोध से कभी लोभ से, कभी घृणा से कभी क्षोभ से, आवेशित नर हिंसक बनता शांत नहीं हिंसा से दीक्षित मानव है, शस्त्र प्रशिक्षण का तांडव है, कैसे हो मस्तिष्क धुलाई शांत नहीं नहीं समस्या को सुलझाएं, सिर्फ अहिंसा के प्रासंगिकता कैसे होगी शांत नहीं आवेश || 3 || शांति का संदेश.... नहीं प्रशिक्षण और न शिक्षण, है कोरा उपदेश कैसे हो जनमान्य अहिंसा शांत नहीं Jain Education International आवेश ।। 4 ।। शांति का संदेश... For Private & Personal Use Only विचक्षण, आवेश ||5|| शांति का संदेश.... महावीर का रूप अहिंसा, दिव्य शांति का स्तूप अहिंसा, महाप्रज्ञ जन-जन सुन पाए शाश्वत का गुण गाएं, आवेश || 6 || शांति का संदेश... निर्देश ।। 7 ।। शांति का संदेश... लय : शांति का संदेश संदर्भ : महावीर जयंती, गुडामालानी वि.सं. 2059 चैत्र शुक्ला 13, चैत्य पुरुष जग जाए www.jainelibrary.orgPage Navigation
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