Book Title: Chaitya Purush Jag Jaye
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Sarvottam Sahitya Samsthan Udaipur

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Page 26
________________ (20) अनुशासन का आह्वान करें, जीवन उत्सव बन जाएगा। मर्यादा का सम्मान करें, कलियुग में सतयुग आएगा। 1. तेरापथ वह पथ है जिसमें, 'मैं' को है कोई स्थान नहीं। आगे समता, पीछे समता, जलधर जलकण बरसाएगा। अनुशासन का.... 2. तेरापथ वह पथ है जिसमें, 'मम' का कोई आस्थान नहीं। __ आगे समता, पीछे समता, समता का सूर्य जगाएगा। अनुशासन का.... 3. श्री भारमल्ल का वह तेला, अद्भुत था वह कोई चेला। तब मूल्य बढ़ा अनुशासन का, इतिहास सदा बतलाएगा। अनुशासन का.... 4. शासन का हित अपना हित है, यह स्वार्थ चेतना सीमित है। हम साधर्मिक संगान करें, परमार्थ स्वयं आ जाएगा। अनुशासन का.... 5. सहना सीखें, रहना सीखें, मधु-मधुर वचन कहना सीखें। __सब शांतिपूर्ण सहवास वरें, आंगन सुरतरु लहराएगा। अनुशासन का.... 6. अप्रिय आदत को बदलेंगे, आग्रह को प्रश्रय ना देंगे। परिवर्तन का अभियान चले, अस्तित्व अटल रह पाएगा। अनुशासन का.... 7. मर्यादा की यह मर्यादा, जीवन हो नित सीधा-सादा। संयम का अनुसंधान करें, आकर्षण बढ़ता जाएगा। अनुशासन का.... 8. तुलसी से युग का बोध मिला, तुलसी से मानस पुष्प खिला। यह धर्मक्रान्ति का अवसर है, जन-जन साक्षी बन जाएगा। अनुशासन का.... 9. नेतृत्व एक यह शाश्वत है, भैक्षव गण का जीवन-व्रत है। माघोत्सव 'महाप्रज्ञ' अनुपम, हरियाणा, सदा मनाएगा, टोहना सदा मनाएगा। लय : जिसके मन में हरि नाम बसे..... संदर्भ : मर्यादा महोत्सव टोहाना, माघ शुक्ला 7, वि.सं. 2055 पुरुष जग जाए 2 5 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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