Book Title: Chaitya Purush Jag Jaye
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Sarvottam Sahitya Samsthan Udaipur

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Page 55
________________ (46) आने का मेरा लक्ष्य है, मैं जीवन सफल बनाऊं जीवन सफल बनाऊं, मैं पावन बन जी पाऊं।। 1. शक्तिपीठ यह नैतिकता का, स्वस्थ समाज बनेगा, नैतिकता से ही जन-जन में, शान्ति बीज पनपेगा। यह सामाजिक आधार रे है सदाचार का सार रे शाश्वत का संगीत सुनूं, फिर नीति-निष्ठ बन जाऊं रे।। - आने का मेरा... 2. शक्तिपीठ यह संयम का है, 'संयम ही जीवन है', संयम की आस्था में अर्पित, होगा यह तन मन है। श्री तुलसी का अवदान रे तुलसी मेरे भगवान रे तुलसी की जप माला में, मैं सहज लीन हो जाऊं रे।। आने का मेरा... 3. तंत्र मंत्र के पीठ बहुत हैं, यह तो पीठ निराला, इसके प्रांगण में कोई है, जनता का रखवाला। है सच्चाई का मंत्र रे है अनुशासन का तंत्र रे एक नया प्रस्थान हुआ है, आगे चरण बढ़ाऊं रे।। __ आने का मेरा... लय : स्वामीजी! थांरी साधना री मेरु-सी ऊंचाई... संदर्भ : आचार्य तुलसी शक्तिपीठ का लोकार्पण 14 दिसम्बर 2000 300 - 00800388888888888888009002023 8 5438800000000000000000000 88888888888888 20 चैत्य पुरुष जग जाए Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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