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० वि०सं०] तिथि/मिति
प्रतिमालेख/शिलालेख | प्राप्तिस्थान
सन्दर्भ ग्रन्थ
प्रतिष्ठापक आचार्य या मुनि का नाम
अध्याय-५
२४२. | १५५१ | वैशाख सुदि ११/ धनप्रभसूरि
सोमवार
मुनिसुव्रत की धातु की | सेठ जी का विनयसागर, पूर्वोक्त, भाग १, प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख | घर देरासर, कोटा | लेखांक ८६०.
|२४३. | १५५१ | फाल्गुन वदि ८ | ज्ञानचन्द्रसूरि
सोमवार
शान्तिनाथ की धातु की | विजयगच्छीय मन्दिर, | वही, भाग १, प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख | जयपुर | लेखांक ८७०.
२४४. | १५५६ | वैशाख सुदि १३ | देवचन्द्रसूरि
गणेशमल सौभाग्यमल| मुनि कांतिसागर, जैनधातुप्रतिमालेख, का मन्दिर, मुम्बई | लेखांक २६९.
रविवार
२४५. | १५५७ | आषाढ़ वदि १० | रत्नाकरसूरि के पट्टधर
शुक्रवार | मेरुप्रभसूरि
| कुन्थुनाथ की प्रतिमा पर | शांतिनाथ जिनालय, | नाहटा, पूर्वोक्त, लेखांक १८३० उत्कीर्ण लेख
नाहटों में, बीकानेर
२४६. | १५५९ | आषाढ़ सुदि
बुधवार
| मेरुप्रभसूरि के पट्टधर | मुनिदेवसूरि
महावीर जिनालय, | विनयसागर, पूर्वोक्त, भाग १, सांगानेर
लेखांक ९०२.
|२४७. | १५६६ | आश्विन सुदि ४ | मुनिदेवसूरि के शिष्य मंगलवार
वाचक ज्ञानप्रभ
| आदिनाथ की पाषाण की | शांतिनाथ जिनालय, | नाहटा, पूर्वोक्त, लेखांक २५२७.
प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख | हनुमानगढ़
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२४७. | १५६६ | माघ सुदि ४ | मलयहंससूरि
गुरुवार
अजितनाथ की धातु- | सुपार्श्वनाथ जिनालय, | नाहर, पूर्वोक्त, भाग ३, प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख | जैसलमेर लेखांक २२०५.