Book Title: Bruhad Gaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Omkarsuri Gyanmandir Surat

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Page 282
________________ १८. शंखेश्वरमहातीर्थ, लेखक मुनि जयन्तविजय, भावनगर वि०सं० २००३. १९. शत्रुजयवैभव, संपा० मुनि कांतिसागर, जयपुर १९९० ई० po. Jain Image Inscriptions of Ahmedabad Ed. P.C. Parikha & Bharti Shelat, Ahmedabad 1997 A.D. आधुनिक ग्रन्थ अम्बालाल प्रेमचन्द शाह, कालिकाचार्यकथासंग्रह, अहमदाबाद १९४९ ई० केशवराम काशीराम शास्त्री, गुजरातना सारस्वतो, अहमदाबाद १९६६ ई० गुलाबचन्द चौधरी, जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग ६, वाराणसी १९७६ ई० गोपीनाथ शर्मा, राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत, जयपुर १९६३ ई० चतुरविजयजी संपा० जैनस्तोत्रसंदोह, भाग १-२, अहमदाबाद १९३३-३६ ई० चिमनलाल डाह्याभाई दलाल, संपा० प्राचीनगूर्जरकाव्यसंग्रह, बडोदरा १९१० इ० जयन्तविजय मुनि, आबू, भाग-१, भावनगर वि०सं० १९८५. जयन्तविजय मुनि, अर्बुदाचलप्रदक्षिणा (आबू भाग-३) भावनगर वि०सं० २००५. जिनविजय मुनि, गुजरात का जैनधर्म, वाराणसी १९४८ ई० भोगीलाल सांडेसरा, महामात्य वस्तुपाल का साहित्य मंडल और संस्कृत साहित्य में उसकी देन, वाराणसी १९५८ ई० मोहनलाल दलीचंद देसाई, जैन गूर्जर कविओ, नवीन संस्करण, भाग १-१०, संपा० जयन्त कोठारी, मुम्बई १९८६-९६ ई० मोहनलाल दलीचंद देसाई,जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास,प्रथम संस्करण, मुम्बई १९३२ ई० द्वितीय संशोधित संस्करण, संपा० आचार्य मुनिचन्द्रसूरि, सुरत २००६ ई० यतीन्द्रसूरि, यतीन्द्रविहारदिग्दर्शन, भाग १-४, १९२८-३६ ई० रसिकलाल छोटालाल परीख और हरिप्रसाद शास्त्री, संपा० गुजरातनो राजकीय अने सांस्कृतिक इतिहास, भाग ४-६, अहमदाबाद १९७६-७८ ई० लालचंद भगवानदास गांधी, ऐतिहासिकलेखसंग्रह, बडोदरा १९६३ ई० शीतिकंठ मिश्र, हिन्दी जैनसाहित्य का इतिहास, (मरु-गूर्जर) भाग१-४, वाराणसी १९९०-९८ई० हस्तिमलजी महाराज, जैन धर्म का मौलिक इतिहास, भाग-२, जयपुर १९६७ ई० हीरालाल रसिकलाल कापडिया, जैन संस्कृत साहित्यनो इतिहास, भाग १-३, द्वितीय संस्करण, संपा० आचार्य मुनिचन्द्रसूरि सुरत २००४ ई० त्रिपुटी महाराज, जैन परम्परानो इतिहास, द्वितीय संस्करण, भाग १-३, संपा० आचार्य विजयभद्रसेनसूरि, सुरत २००१-२००३ ई० । C. B. Shetha, Jainism in Gujarat, Bombay 1956 A.D. G C. Chaudhari, Political History of Northern India from Jain Sources, Amritsar 1963 A.D. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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