Book Title: Bruhad Gaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Omkarsuri Gyanmandir Surat

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Page 274
________________ बृहद्गच्छीय लेख समुच्चय २६५ संपादित कर विभिन्न संस्थाओं से इसे समय-समय पर प्रकाशित कराया तथा यह प्रक्रिया आज भी जारी है । गच्छ विशेष से सम्बन्धित अभिलेखीय साक्ष्यों के अब तक दो महत्त्वपूर्ण संकलन प्रकाशित हो चुके हैं, इनमें प्रथम है अंचलगच्छीयलेखसंग्रह, जो श्रीपार्श्व द्वारा संकलित और ई० स०....... में अंचलगच्छ......... द्वारा प्रकाशित है । इसमें उस समय तक प्रकाशित सभी लेख संग्रहों से लेखों का कालक्रमानुसार संकलन किया गया है । इसी प्रकार का दूसरा संकलन है खरतरगच्छीय प्रतिष्ठा लेख संग्रह, जो महो० विनयसागरजी द्वारा संकलित और प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर द्वारा ई०स० २००६ में प्रकाशित किया गया है । उसी कड़ी में यह तीसरा संकलन है बृहदगच्छीय लेख समुच्चय, जो आचार्य मुनिचन्द्रसूरि की प्रेरणा से ॐ कारसूरि आराधना भवन - सुरत से प्रकाशित हो रहा है । इस संग्रह में अब तक प्रकाशित और प्रायः ज्ञात सभी लेख संग्रहों से बृहद गच्छ से सम्बद्ध लेखों का संकलन करते हुए उन्हें कालक्रमानुसार संयोजित किया गया है । प्रत्येक लेख किस प्रतिमा या शिला पर है, तथा कहां है और किस लेख संग्रह से उसे लिया गया है इसका भी उल्लेख पादटिप्पणी के अन्तर्गत उसी स्थान पर कर दिया गया है । परिशिष्ट के अन्तर्गत आधार सामग्री का अकारादिक्रम से पूर्ण उल्लेख करते हुए उनके नामों का संक्षिप्तीकरण भी दे दिया गया है जो इस संकलन में प्रयुक्त हुए हैं । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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