Book Title: Bruhad Gaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Omkarsuri Gyanmandir Surat

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Page 271
________________ २६२ (२४५) कुन्थुनाथ- पंचतीर्थी : संवत् १५५७ वर्षे आषाढ़ वदि १० शुक्रे रेवत्यां श्रीदूगड़गोत्रे सं० रूपा पु०सा० सहसू भार्या लूणाही पु० सालिगेन पुत्र अभयराज सहितेन स्वपित्रो पुण्यार्थं श्रीकुंथुनाथ बिंबं कारितं श्रीबृहद्गच्छे पू० श्रीरत्नाकरसूरिपट्टे श्रीमेरुप्रभसूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ (२४६) कुन्थुनाथ- प - पंचतीर्थी : बृहद्गच्छ का इतिहास संवत् १५५९ आषाढ़ सुदि बुधे । श्रीपल्हुवडगोत्रे । सा० तोला सन्ताने कुंवर पालहण साधुकेन भा० देवल पु० पासु रूपचन्द युतेनात्मश्रेयसे श्रीकुन्थुनाथबिंबं कारितं प्र० बृहद्गच्छे भ० श्रीमेरुप्रभसूरिपट्टे श्रीमुनिदेवसूरिभिः ।। श्री ।। (२४७) आदिनाथ - पाषाण संवत् १५६६ वर्षे अश्विन सुदि ४ भौमवासरे श्रीबृहद्गच्छे श्रीप्रानास संतति भ। श्रीमुनिदेवसूरि शिष्य वा० न्यानप्रभ श्रीआदिनाथबिंबं पुत्रसा० वरगषण अभ्यथतैन सीयात्रसे रोषेन ? ॥ श्री ॥ Jain Education International — सा (२४८) अजितनाथ पंचतीर्थी : संवत् १५६६ वर्षे माह सुदि ४ गुरौ ओसवालज्ञातीया बूवादेचागोत्रे सा० हांसा भा० हांसलदे पुत्र सा० होला भा० हीरादे पुत्र लोलासहितेन श्रीअजितनाथबिंबं का०प्र० श्रीबृहद्गच्छे बोक० वटंके श्रीमलयहंससूरिभिः ।। (२४९) नमिनाथ- पंचतीर्थी : For Personal & Private Use Only (?) संवत् १५६९ माघ सुदि १५ गुरौ अहिमदाबादवास्तव्य श्रीश्रीमालज्ञा० पं० सादा भा० चमकू सुत वरजांगेन भा० हांसी भ्रातृ भोला वृद्ध गोमादिकुटुंबयुतेन स्वमातृश्रेयसे श्रीनमिनाथबिंबं का०प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीकमलप्रभसूरिभिः ॥ २४५. शांतिनाथ जी का मंदिर, नाहटों में, बीकानेर, बी०जै०ले०सं०, लेखांक १८३०. २४६. बड़ा मंदिर, नागोर, प्र०ले० सं०, भाग १, लेखांक ९०२. बी०जै० ले०सं०, लेखांक २५२७. २४७. शांतिनाथ जी का मंदिर, हनुमानगढ़, बीकानेर, २४८. सुपार्श्वनाथ का मंदिर, जैसलमेर, जै० ले०सं०, २४९. शांतिनाथ जिनालय, शांतिनाथपोल, अहमदाबाद, जै० धा० प्र०ले० सं०, भाग १, लेखांक १३२०. भाग ३, लेखांक २२०५. www.jainelibrary.org

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