Book Title: Bruhad Gaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Omkarsuri Gyanmandir Surat

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Page 235
________________ २२६ बृहद्गच्छ का इतिहास करवास्तव्य (*) प्रागवाटज्ञातीय श्रे० गोनासंताने श्रे० आमिग भार्या रतनी पुत्र तुलहारि आसदेव भ्रा० पासड तत्पुत्र सिरिपाल तथा आसदेवभार्या सहजू पुत्र तु० आसपालेन भा० धरणि --------- सीत्त सिरिमति तथा (*) आसपालभार्या आसिणि पुत्र लिंबदेव हरिपाल तथा धरणिग भार्या --------------- ऊदा भार्या पाल्हणदेविप्रभृतिकुटुंबसहितेन श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंबं आश्वावबोधसमलिकाविहार-तीर्थोद्धारसहितं कारितं ।। मंगलमहाश्रीः ।। (६६) शिलालेख संवत् १३३८ ज्येष्ठ सुदि १४ शुक्रे बृहद्गच्छीय श्रीचक्रेश्वरसूरिसंताने पूज्यश्रीसोमप्रभसूरिशिष्यैः श्रीवर्धमानसूरिभिः श्रीशांतिनाथबिंबं प्रतिष्ठितं कारितं श्रेष्ठिआसलभार्या मंदोदरी तत्पुत्र श्रेष्ठि गलाभार्या शीलू तत्पुत्र मेहा तदनुजेन साहुखांखणेन निजकुटुंबश्रेयसे स्वकारितदेवकुलिकायां स्थापितं च। मंगलं महाश्रीः । भद्रमस्तु । (६७) शांतिनाथः ___ संवत् १३३८ ज्येष्ठ सुदि १४ सत् महं सोमा पुत्र तद्भार्यया जासल नाम्न्या स्वश्रेयसे श्रीशांतिनाथबिंबं कारितं प्रति० बृहद्गच्छीय श्री वारि ? चन्द्रसूरि शिष्य श्रीपरमानंदसूरि । (६८) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थी : सं० १३३९ फागु(ल्गु)ण सु० ८ श्रीबृहद्गच्छे श्रीश्रीमालवंशे सा० सादा भार्या माकू पुत्र धणसी (सिं)हभार्या चांपल पुत्र भीम अर्जुन भीमभार्या नीनू पितृश्रेयसे श्रीपार्श्वनाथबिंब कारितं प्र० माण(न)देवसूरिभिः ।। (६९) महावीर-पंचतीर्थी : सं० १३४१ वर्षे महा० वुहड़ भा० कपूरदे पु० जगपालेन आ० जाल्हणदे पु० गंगा सहितेन श्री महावीर: का०प्र० श्रीपरमानंदसूरिभिः ।। ६६. ६७. ६८. ६९. नेमिनाथ जी का मंदिर, आरासणा, अ०प्र० जै० ले०सं० (आबू, भाग ५), लेखांक ३३. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, बी० जे०ले०सं०, लेखांक १९१. जैन मंदिर, लींच, प्रा०ले०सं०, लेखांक ४५. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, बी०जै०ले०सं०, लेखांक १९७. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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