Book Title: Bhitar ki Aur
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 15
________________ - ३३६ ३४१ संयम ३४३ ३६८ इच्छा शक्ति का विकास ३३४ बह्मचर्य-(१) बलचर्य-(२) बलचर्य-(३) बह्मचर्य-(४) ३३८ बलचर्य-(५) इन्द्रिय-विजय-(१) ३४० इन्द्रिय-विजय-(२) ३४२ बोध नियन्त्रण-(१) क्रोध नियन्त्रण-(२) ३४४ अभय का विकास ३४५ अहिंसा आदि का अभ्यास अम्रतस्राव और रसायन ३४७ अमृत प्लावन व्याधि चिकित्सा-(१) व्याधि चिकित्सा-(२) स्वास्थ्य ३५१ पीडा-शमन-(१) ३५२ पीड़ा-शमन-(२) निद्रा सम्यक निद्रा अनिद्रा मातृका-न्यास-(१) ३५७ मातृका-न्यास-(२) ३५८ ३४६ मातृका-न्यास-(३) प्राणशक्ति तेजस शक्ति तेजस चक्र नाडी शोधन कोशिका परिवर्तन विद्युत प्रवाह मस्तिष्क में ३६५ गुण सक्रमण ३६६ शील पुरुष : पंचाङ्ग ध्यान ३६७ वातानुकूलन का अनुभव | नियन्त्रण शक्ति वर्षीतप व्यसन मुक्ति नई भादत का निर्माण आदत परिवर्तन दूसरे की आदत बदलना ३७४ परिवर्तन ३७५ वृत्ति परिवर्तन ३७६ स्मृति-विकास ध्वनि चिकित्सा स्वर चक्र मैत्री जागृति अज्ञात को ज्ञात करना परिशिष्ट ३८३ ३४८ ३४६ ३५० ३५३ ३७८ ३८० ३५५ ३५६ ३८२ (भीतर की ओर) - Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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