Book Title: Bhitar ki Aur
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 14
________________ - २६१ ३१७ ૩૧૬ ३१६ ३०१ पनि ३०२ ३२१ सवर की भूमिका के फलित २६० अमन की साधना-(१) ३१४ सुरक्षा कवच-(१) अमन की साधना-(२) ३१५ सुरक्षा कवच-(२) २६२ अमन की साधना-(३) ३१६ अन्तर्यात्रा २६३ सुप्त मन को जागृत सुषुम्ना जागरण २६४ करना-(१) श्वास-सयम-(१) २६५ सुप्त मन को जागृत श्वास-सयम-(२) २६६ करना-(२) लयबद्ध दीर्घश्वास २६७ प्रतिसलीनता दीर्घश्वास २६८ (प्रत्याहार)-(१) दीर्घश्वास-(१) प्रतिसलीनता दीर्घश्वास-(२) .. ३०० (प्रत्याहार)-(२) रंगीन श्वास प्रतिसलीनता शरीरप्रेक्षा (प्रत्याहार)-(३) शरीर-पुष्टि ३०३ एकाग्रता-(१) चैतन्यकेन्द्र : 'अहं' एकाग्रता-(२) का न्यास ३०४ मंत्र जप चैतन्यकेन्द्र प्रेक्षा-(१) ३०५ मन्त्र जप : दिव्य अनुभूति ३२५ चैतन्यकेन्द्र प्रेक्षा-(२) ३०६ तन्मूर्ति ध्यान संवेग सतुलन की प्रक्रिया ३०७ इष्टसिद्धि-(१) विचार प्रेक्षा इष्टसिद्धि-(२) विचार शमन का प्रयोग–(१) ३०६ इष्टसिद्धि-(३) विचार शमन का प्रयोग-(२) ३१० संकल्प पुष्टि विचार शमन का प्रयोग-(३) ३११ संकल्पशक्ति का विकास-(१) ३३१ विचार शमन का प्रयोग-(४) ३१२ संकल्पशक्ति का विकास-(२) ३३२ निर्विचार ध्यान ३१३ संकल्प शक्ति का प्रशिक्षण ३३३ (भीतर की ओर ३२२ WWW WWWW WWW ३२६ ३२७ ३०८ ३२८ ३२६ (17 Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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