Book Title: Bhitar ki Aur
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 12
________________ - - mon ज NRAam 50ठ १७५ १८५ परिवर्तन की प्रक्रिया-(२) १५२ ।। मनसिद्धि की पहचान प्रतिपक्ष भावना-(१) १५३ कहा होता है मंत्र प्रतिपक्ष भावना-(२) १५४ का उत्थान? १७६ भाव-विशुद्धि और गध १५५ मन की सिद्धि प्रशस्त रंग १५६ मनोच्चारण की विधि-(१) १७८ कृष्णवर्ण प्रधान आभामंडल १५७ मत्रोच्चारण की विधि-(२) १७६ नीलवर्ण प्रधान आभामंडल १५८ मन्त्र साधना के तीन सोपान १८० कापोतवर्ण प्रधान अजपाजप आभामंडल १५६ सुरक्षा कवच अरुणवर्ण प्रधान कवच रचना १८३ आभामडल १६० उच्चारण का मूल्य-(१) १८४ पीतवर्ण प्रधान आभामडल १६१ उच्चारण का मूल्य-(२) श्वेतवर्ण प्रधान आभामंडल १६२ उच्चारण के स्थान विचार प्रेक्षा-(१) १६३ अर्थ के साथ तादात्म्य विचार के नियम १६४ मातृका सभेद प्रणिधान-(१) १६५ एकाग्रता-(१) १८६ सभेद प्रणिधान-(२) १६६ एकाग्रता-(२) अभेद प्रणिधान १६७ एकाग्रता-(३) रसधातु प्रेक्षा १६८ सघन एकाग्रता रक्तधातु प्रेक्षा एकाग्रता के स्तर १६३ मासधातु प्रेक्षा १७० एकाग्रता की भूमिकाएं मेदधातु प्रेक्षा एकाग्रता की अवस्थाएं अस्थिधातु प्रेक्षा १७२ एकाग्रता के दो रूप मज्जाधातु प्रेक्षा १७३ एकाग्रता का परिणाम १६७ शुक्रधातु प्रेक्षा १७४ पृथ्वी तत्त्व १६८ (भीतर की ओर १८७ १६० १६१ १६२ १६६ १७१ १६६ Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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