Book Title: Bhitar ki Aur Author(s): Mahapragna Acharya Publisher: Jain Vishva BharatiPage 10
________________ १en a mmam He - - - - - १०६ wammeaniraulamma samw ११० १११ manomart mymahahayari ११२ ११३ ११४ ११५ ११६ ११७ ५ १३६ 2 ११८ शक्ति केन्द्र के जागरण की प्रक्रिया (२) शक्ति केन्द्र के जागरण की प्रक्रिया-(३) स्वास्थ्य केन्द्र तैजस केन्द्र आनन्द केन्द्र विशुद्धि केन्द्र बल केन्द्र प्राण केन्द्र-(१) प्राण केन्द्र-(२) प्राण केन्द्र (३) अप्रमाद केन्द्र चाक्षुष केन्द्र दर्शन केन्द्र-(१) दर्शन केन्द्र-(२) ज्योति केन्द्र शान्ति केन्द्र ज्ञानकेन्द्र चैतन्य केन्द्र और रंग शरीर का सौरमंडल चैतन्य केन्द्र और ग्रन्थितन-(१) चैतन्य केन्द्र और ग्रन्थितन-(२) ११६ सप्तधातु और चैतन्य केन्द्र १३० ग्रन्थियों के साव का संतुलन १३१ हॉर्मोन्स का संतुलन १३२ सौरमण्डल और ग्रन्थितन १३३ रासायनिक नियन्त्रण प्रणाली १३४ नियन्त्रण स्वतः चालित क्रिया पर लेश्या लेश्या ध्यान-(१) लेश्या ध्यान-(२) लेश्या ध्यान-(३) लेश्या ध्यान-(४) लेश्या ध्यान-(५) लेश्या ध्यान-(६) अवयव, श्वास और रंग रंग पूर्ति की प्रक्रिया १४४ आभामंडल-(१) आभामंडल-(२) १४६ १४७ भाव द्वारा परिवर्तन १४८ वृत्ति परिवर्तन १४६ वृत्ति का रूपान्तरण १५० परिवर्तन की प्रक्रिया-(१) १५१), १२० १२१ १२२ . KM १२३ -katihastarNEPAR... S १२४ १२५ १४५ १२६ - १२७ भाव - - u - १२८ naruwanrature १२६ ( भीतर की ओर Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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