Book Title: Bhitar ki Aur Author(s): Mahapragna Acharya Publisher: Jain Vishva BharatiPage 11
________________ जल तत्त्व अग्नि तत्त्व वायु तत्त्व आकाश तत्त्व तत्त्व और हमारा शरीर तत्त्व और वर्ण तत्त्व और बीज मंत्र नाडी और तत्त्व आदत परिवर्तन का सूभ पहले शरीर फिर मन २०५ २०६ २०७ २०८ २०६ २१० मानसिक शक्ति का विकास २११ जाना होगा मन से परे २१२ अमन की साधना - (१) २१३ अमन की साधना-(२) २१४ २१५ २१६ २१७ २१८ मन की प्रकृति मन की शक्ति मनोरोग का हेतु मस्तिष्क - (१) मस्तिष्क - (२) मस्तिष्क पौदगलिक है कैसे हो मस्तिष्क तळठठरू प्रभावित ? मस्तिष्कीय क्षमता मस्तिष्कीय रसायन- (१) मस्तिष्कीय रसायन - (२) १६६ २०० २०१ २०२ २०३ २०४ मस्तिष्क और चन्द्रमा चित्त- (१) चित्त-(२) चित्त- (३) चित्तवृत्ति- (१) चित्तवृत्ति - (२) चेतना के स्तर - (१) चेतना के स्तर (२) चेतना का परिवर्तन अमृत स्राव और रसायन- (१) अमृत स्राव और रसायन - (२) जैविक घड़ी - (१) जैविक घड़ी - (२) ब्रह्मचर्य - (१) ब्रह्मचर्य - (२) काम वासना पर नियंत्रण - (१) काम वासना पर नियंत्रण- (२) काम वासना पर नियंत्रण- (३) वीर्य को प्रभावित करने वाले आंतरिक कारण इन्द्रिय-विजय- (१) २२३ २२४ २२५ २२६ २२७ २२८ २२६ २३० २३१ २३२ २३३ २३४ २३५ २३६ २३७ २३८ २३६ २१६ २२० २२१ २२२ भीतर की ओर Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org २४० २४१ २४२Page Navigation
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