Book Title: Bhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Author(s): Muniratnasuri, Vijaykumudsuri
Publisher: Manivijay Ganivar Granthmala
View full book text ________________ श्रीअमम जिनचरित्रम् परीक्षार्थ भीमेन प्रेषितो // 268 // द्विजः नलस्यान्त्यकृत्यं शोकातुरोऽकरोत् // 57 // अन्यदा दधिपणेन स्नेहात्कार्येण केनचित् / पार्श्वे श्रीभीमराजस्य दूतः प्रेष्यत कुण्डिने || // 58 // स तेन सत्कृतो वा प्रस्तावे पर्षदि स्थितः। कुब्जस्याऽचीकथत् क्लप्तशोकहर्षप्रथा कथाम् // 59 // तदाकर्ण्य सकर्णा श्रीभीमं भैमी व्यजिज्ञपत् / प्रेक्षावन्तं नरं प्रेष्य कुब्जसूदः परीक्ष्यताम् // 60 // त्वजामातुः परः सूर्यपाका रसवती नरः। क्षितौ तात! नवेत्तीति निश्चयोऽयं यतस्ततः॥६१॥ देवतामणिमंत्रादिप्रयोगाद् विकृताकृतिः / छन्नात्मा स्याद् यदि पुनः कदाचिनिषधात्मजः // 62 // याहि वेगेन जानीहि कुब्जसूदः कियत्कलः / विप्रं शिष्ट्वेति स प्रेषीत् कुशलं कुशलाभिधम् // 63 // सुंसुमारपुरं प्राप द्विजोऽपि शकुनैः शुभैः। दधिपर्णनृपं प्रेक्ष्य प्रेक्षावान् कुब्जमैक्षत // 64 // निषण्णश्चैष तत्पार्धे विषण्णश्चेति दध्यिवान् / दवदन्त्या वृथैवाऽस्मिन् स्वप्रियस्य भ्रमोजनि // 65 // क्व मार्तण्डः क्व खद्योतः क शीतांशुः क्व तारकः / क कल्पद्रुः क्व निम्बद्रुः क्व सुमेरु व सर्षपः // 66 // क्व देवेन्द्रः क्व वा प्रेतः क्व कर्पूरः क्व चूर्णकः / सुरूपसीमा क्व नलः कुरूपाय्यः क्व कुब्जकः // 67 // तथापि सम्यम् निश्चिष्ये च्छन्नात्मा स्यान्नलो यदि / निर्भत्सितस्तदा कोपं कर्ता जात्य इव द्विपः // 68 // विमृश्येति नलनिदानाद्यनान्दीनिभं | नवम / कृत्वा श्लोकद्वयमिति द्विजः सकरुणं जगौ // 69 // निःकृपेषु निरपेषु, निःसत्वेषु दुरात्मसु / प्रथमो नल एवोक्मत्या-Ilas | क्षीद् यः प्रियां सतीम् // 70 // विपत्सहायां विश्वस्तां मुग्धामेकां वनेशयाम् / प्रियां त्यक्त्वा जीवितोऽसि रेरे खल कथं नल! // 7 // | वारं वारं पठ्यमानं तच्छ्रत्वा स्वां प्रियां स्मरन् / निरर्गलगलन्नेत्रजलोजोदीनलो भृशम् // 72 // कुब्ज! किं ? रोदिपीत्युक्ते विप्रेण प्रोचिवानध्यम / शोकस्फीतं भवद्गीतं वयस्याकये रोदिमि // 73 // श्लोकार्थमथ कुब्जेन विप्रः प्रष्टो न्यवेदयत / आधुतात्कुण्डिने | भैमीप्रवेशान्तां कथाप्रथाम् // 74 // द्विजोऽवादीत्पुनः कुन्ज ! सूर्यपाककलापटुः / भीमस्य सुसुमारेशनरेणाऽसि निवेदितः // 75 // सर्ग-६ // 26 //
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