Book Title: Bhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Author(s): Muniratnasuri, Vijaykumudsuri
Publisher: Manivijay Ganivar Granthmala
View full book text ________________ श्रीअमम जिनचरित्रम् गंगदत्तजी // 288 वकृष्णस्य जन्म नन्द गोकुले नयनं च * माप्स्यसि // 25 // युग्मम् // तस्याः कुक्षौ गगदत्तजीवः शुक्राच्च्युतोऽजनि। रत्नं रत्नावनीवान्तगूढं गर्भ बभार सा // 26 // प्राक्- | * तपोवृत्तसौभाग्यादत्यभीष्टं निजात्मवत् / तं माता वर्द्धयामास सुखं सम्पूर्णदोहदा // 27 // ततो नवसु मासेषु दिनेष्वष्टिमेषु च / गत गतेषु श्रावणसिताष्टम्यामद्धे निशः स्फुटे // 28 // नव्यं द्यौरिव पाथोदं कल्पवल्लीव पल्लवम् / विदूरो:वाऽश्मगर्भ सरसीवासितोत्पलम् | // 29 // दलत्कजलकृष्णाभिरपि देहस्य कान्तिभिः। चित्रं तन्वन्तमुद्योतं स्ववंशव्योनि भानुवत् // 30 // कालरात्रिं तु शत्रूणां पुष्णन्तं भानुपुत्रवत् / अस्त देवकी सूनुमनूनं दिव्यलक्षणैः // 31 // च००। पुण्यलक्ष्मीनिधेस्तस्य सान्निध्य देवता व्यधुः / अखण्डप्राक्तपोवृत्तिपरिक्रीताः सुपत्तिवत् // 32 // अंगरक्षवदस्यैताः सर्वत्र सहगाःसदा / अंगरक्षासदाधानाबहिःस्थान् कंसयामिकान् // 33 // स्वशक्त्या चक्रिरे निद्रामुद्राविद्राणलोचनान् / निश्चष्टान् लेप्यघटितानिव पीतविषानिव // 34 // युग्मम् / तदाहूय प्रियं प्रोचे देवकी | मित्ररुपिणा / कंसेन वैरिणा नाथ ! यद्वाचा बद्धो भवान् पुरा // 35 // मूर्खवच्च सुतांस्तान्पट् हन्यमानानुपक्षत / तत् किं ? युक्तमभृत् पक्षिपशुभ्योऽप्यतिनिर्दय ! // 36 // इदानीं माययाप्येनं रक्ष तस्मात्सुतं यतः / माययाऽपि जिनः पुण्यमेवोचे प्राणिरक्षिणाम् // 37 // कसं तद्यामिकान् बुद्ध्या वञ्चित्वा नन्दगोकुले / नीत्वेमं मे सुतं मुश्च मित्राशां मुश्च चन्द्रवत् // 38 // गृहे मातामहस्येव * तस्य वर्द्धिष्यते सुखम् / पुत्रो मे जीवतैकेनाऽप्यन्वयो ज्ञापयिष्यते // 39 // मत्तोऽप्यधिकवात्सल्या यशोदा जननीव च / पाल यिष्यति मे पालमावालक्ष्मेव भूरुहम् / / 40 // स्नेहाद्रो वसुदेवोऽपि तां स्तुवन् साधु साध्विति / निरगात्तद्गृहाद् वालं गृहीत्वा सप्तयामिकान // 41 // सन्निधिस्थाः शिशोस्तस्य देवताछत्रधारणम् / पुष्पवृष्टिं व्यधुर्दीपैरुद्योतं चाष्टाभिः पथि // 42 // यान्त्यो धवलवृषभरूपेणाऽग्रेऽस्य देवताः / प्रच्छन्नं गोपुरद्वारकपाटानुदजीघटन् // 43 // गोपुरे चोग्रसेनेन काष्ठपञ्जरवर्तिना / सम्पाप्तः प्रत्यभि सर्ग-६ // 28 //
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