Book Title: Bhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Author(s): Muniratnasuri, Vijaykumudsuri
Publisher: Manivijay Ganivar Granthmala
View full book text ________________ // 29 // कृष्णरक्षणाय गोकुले रामस्य मोचनम् | // 81 // बहिबजन्तं नापायभीतास्त धर्तुमैशत / अनुजग्मुर्गुणाकृष्टा गोवद् गोष्ठजनाः पुनः // 82 // श्रुत्वा शतांगशकुनिपूतनार्जुनघातजाम् / सूनोः कथां च वसुदेवश्चिन्तयामासिवानिति // 8 // मया घनागमेनेव धनसंवृत्तिडम्बरैः / चन्द्रवद्गोपितोऽप्येष स्फूर्जन्नस्ति स्वतेजसा // 84 // कंसो राहुरिवैनं मा ज्ञासीनिःकारणाऽसुहृत् / उपाद्रौषीच्च मा पापः शश्वत्क्रोयनिकेतनम् // 85 // अहं तदस्य रक्षायै रौहिणेयं निरोपये / न तद्योग विनाऽन्येन दुर्ग्रहोऽसौ निषिध्यते // 86 / / वृष्णिमूरिति निश्चित्य राममुद्दामविक्रमम् / आनाय्य शौर्यनगरान्निवेद्यास्य यथातथम् / / 87 // शिक्षा रक्षाविधौ दत्वा कलाकौशलशालिनम् / यशोदानन्दयोः कृष्णद्वितीयं सुतमार्पयत् // 48 // युग्मम् / / कान्तौ सहेलं खेलन्तौ रामदामोदरौ ततः / रेजाते गोकुले व्योम्नि सूर्याचन्द्रमसाविव // 89 // सकलोऽपि स्वयं कृष्णः प्राप्य श्रीरामतः कलाः / अधिकं सकलो जज्ञे मंत्रो ध्यातुः कला इव // 90 // कृष्णः प्रकृत्या शूरोऽपि समग्रेष्वायुधेषु तु / / रामेण कारिताभ्यासः सपक्षोहिरिवाशुभत् / / 91 // तन्वा दशधनुर्मानौ कलाभ्यासेषु तौ मिथः / धत्तःस व्यतिहारेण गुरुतां शिष्य| तामपि // 12 // शब्दार्थाविव तौ भिन्नावपि बौद्धमताश्रयात् / अभूतां नित्ययुक्तौ तु मीमांसोक्ताविवाऽनिशम् // 9 // सभ्यतामभ्यु* पेयुश्च वृद्धा नन्दादयस्तयोः / गोपास्त्वाढौकयन्नन्ये शस्त्रोपकरणादिकम् // 94 // रामकृष्णरुची रामकृष्णौ यदुकुलश्रियः / तौ नेत्र-1* भृतौ शरलस्खाभावाद्विश्वहर्षदौ // 95 // चित्रं व्यवधिजन्मानावपि व्यवधिवर्जितौ / समक्रियौ समदुःखसुखौ नित्यं बभूवतुः॥९॥ युग्मम् // उद्दाम गच्छतो दृप्तान् वृषभान् पथि वालधौ / शिशुरप्यग्रहीत कृष्णः सतृष्णः केलिकर्मसु // 97 // रामस्तस्य बलं जानन् न्यषेधयन्न कदापि तम् / खपटी न्युञ्छनीकृत्य प्रत्युतैक्षत संस्तुवन् // 98 // मर्त्यत्वेऽपि तयोर्देहलावण्यामृतपानतः / प्राप्यानि मिषतां गोप्योऽहरन्नप्सरसा मदम् // 99 // कैरवोत्पलरूपौ तौ विकसन्मुखसौरभौ / असेविपातां गोपीभिभुंगीवत्त्यक्तकर्मभिः // 1600 // कृष्णो यथा यथा वृद्धिं नव्याम्भोद इवासदत् / शिखण्डिन्य इवोन्मादं दधुर्गोप्यस्तथा तथा // 1 // विकारमविकारोऽपि
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