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संदृष्टि नं. 55 असत्यानुभय मनोवचन योग भाव (46) असत्योभय मनोवचमयोग इन चार योगों में शायिक 7 भाव (क्षायिक लब्धि, केवलसार, कक्जदर्शन नहीं पाया . मी जाते हैं। अभाव भाव ज्ञात करने के लिए प्रत्येक गुणस्थान में कथित अभाव भावों में से 7 उपर्युक्त सायिक भाव कम देना चाहिए । यथा प्रथम गुणस्थान में अभाव भाव 19 उनमें । कम करने पर 12 भाव प्राप्त होते हैं । इसी प्रकार शेष गुणस्थानों की प्रक्रिया जानना चाहिए । गुणस्थान प्रथम से 12 तक जानना चाहिए पसंदृष्टि गुणस्थानवत् जानना चाहिए । दे, संदृष्टि (1) गुणस्थान भाव व्युच्छिति
अभाव
भाव
१ सवेद
9 अवेद
(103)