Book Title: Bharat ke Prachin Rajvansh Part 01
Author(s): Vishveshvarnath Reu, Jaswant Calej
Publisher: Hindi Granthratna Karyalaya

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Page 345
________________ -संस्था Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra For Private and Personal Use Only २८१ सांभरके चौहानोंका नकशा। राजाओंका नाम परस्परका संबन्ध ज्ञात समय समकालीन राजा और उनके ज्ञात समय चाहमान वासुदेव नं. १ के वंशमें सामन्तदेव | नं. २ का पुत्र जयराज - नं. ३ का पुत्र ५ विग्रहराज (पहला) नं. ४ का पुत्र ६ चन्द्रराज (पहला) नं०५ का पुत्र गोपेन्द्रराज नं. ६ का छोटाभाई। दुर्लभ०७ का उत्तराधिकारी जुनैद ( हि० स० १०५-१२५) ९/ गूवक ( पहला) नं० ८ का उत्तराधिकारी नागावलोक वि० सं० ८१३ १० चन्द्रराज (दूसरा) नं. ९ का पुत्र ११ गूवक (दूसरा) नं. १० का पुत्र १२ चन्दनराज | नं. ११ का पुत्र तोमर रुद्रेण १३ वाक्पतिराज नं. १२ का पुत्र तंत्रपाल १४ सिंहराज नं० १३ का पुत्र लवण, नासिरुद्दीन १५/ विप्रहराज (दूसरा )। नं० १४ का पुत्र । वि० सं० १०३० चौलुक्य मूलराज वि० सं० १०१७ से १०५२ १६ दुर्लभराज ( दूसरा) नं० १५ का छोटाभाई १७ गोविन्दराज नं. १६ का छोटाभाई १८वाक्पतिराज (दूसरा नं. १७ का पुत्र । www.kobatirth.org सांभरके चौहानोंका नकशा । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir

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