Book Title: Bhajanpad Sangraha Part 04
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 267
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org २३८ मुसलमान पण मूर्ति पूजे. मक्कामा जइ मेथी.. स्त्रीस्तिओ पण फांसी फोटा, पूजे इशुना मेमेथी भक्तिमार्गी श्री रामचंद्र के, कृष्णनी पूजे प्रतिमाने. कोइ सदाशिव के हनुमत्नी, छबीना माने महिमाने. पुत्रो पण निज मातपितानी, प्रत्यक्ष मूर्तिने सेवे. सुंदरीपण निज स्वामीकेरी, मूर्ति तनमन देवे. आर्यसमाजी दयानंदनी, बनुं गौरव बहु जाणे. मूर्तिपूजक छे दुनियां सर्वे, मूर्ख मूर्तिने नहि माने. मूर्ति मूळ पुरुषनां उत्तम, कार्यो संभारी दे छे. मूर्तिवाळाना मंदिरमांही, सुखकर स्वच्छ हवा रहे छे. योग्यशास्त्राने जैनागम ते. मूर्ति खास बखाणे छे. चमत्कार मूर्तिना अदभूत्, जे जाणे ते माणे छे. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private And Personal Use Only २

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