Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 01
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi

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Page 11
________________ भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास.9 8000000 00000000 शास्त्रविशारद जैनाचार्य विजयधर्मसूरीश्वरजी HTMWinterror T EHuttesek Fadidaan Follow File Nrause Sten Kotaw WAYADNOM SUR i wsyon Neyelin GOS: PW. Themes. Syban Leri. o Bartold. आपश्री ने काशी में जाकर जैनों के लिये विद्या का केन्द्र स्थापन किया आपके मौलिक गुणों से मुग्ध हो काशी नरेश एवं जैनेत्तर पण्डितों ने आपको शास्त्रविशारद जैनाचार्य पद से विभूषित किये आपने बहुत मांस आहारियों को मांस खाना छोड़ाया तथा अनेक पाश्चात्य विद्वानों एवं अंग्रेजों को जैनधर्म के अनुरागी बनाये । जो कई चित्र में है। @@D. or .. NO W T .. .. Jain -.. ............ . .............. par0nevaas.per Goat

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