Book Title: Bhagvana Neminath Diwakar Chitrakatha 020
Author(s): Purnachandravijay, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 10
________________ भगवान नेमिनाथ बलराम श्रीकृष्ण के साथ नेमिकुमार भी रथ पर आरूढ़ होकर युद्ध के लिए चल पड़े। भयंकर युद्ध में जरासंध ने बलराम पर गहरा प्रहार किया। बलराम भूमि पर गिर पड़े। तब श्रीकृष्ण ने जरासंध के साथ घमासान युद्ध किया। जरासंध की सेना ने श्रीकृष्ण को चारों ओर से घेर लिया और शोर मचा दिया कृष्ण मर गये। यादव सेना में खलबली | मच गई। तभी रथ पर बैठे नेमिकुमार आगे आये और उन्होंने इन्द्र द्वारा दिया हुआ शंख बजाया। अरे शंख ध्वनि इसका अर्थ श्रीकृष्ण जीवित हैं। श्रीकृष्ण जीवित हैं। AL एणणण शंख ध्वनि सुनते ही यादव सेना हर्ष से उछलने लगी,जरासंध की सेना के छक्के छूट गये। श्रीकृष्ण ने चक्र घुमाकर जरासंध की तरफ फेंका चक्र आता देखकर जरासंध भागा चक्र उसका पीछा करता रहा। अन्त में चक्र से कडे कर जरासंध का सिर धड़ से अलग गिर पड़ा। देवताओं ने आकाश से फूल बरसाये। घोषणा की- नवम वासदेव श्रीकृष्ण की जय ! ( 5) बचाओ! बचाओ 3 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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