Book Title: Bhagvana Neminath Diwakar Chitrakatha 020
Author(s): Purnachandravijay, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 19
________________ भगवान नेमिनाथ हाथी को वापस जाताते देख रानियों ने इसे विवाह की स्वीकृति नमिकुमार सोचने लगे। LAUNE क्या होकर कहने लगीं-- अब मैं कुमार के लिए "मोह की लीला कितनी विवाह शीघ्र ही श्रेष्ठ राज विचित्र है जिस विवाह को भी हो गये, कन्या लालूँगा। मैं बेड़ी मानता हूँ, उसको ज गये। आनन्ददायक मानकर मुझे बांधना चाहते हैं। बाबर5 दूसरे दिन श्रीकृष्ण नेमिकुमार के विवाह का प्रस्ताव श्रीकृष्ण बोलेलेकर राजा उग्रसेन के पास आये मैं अपने छोटे भाई हमारे लिए इससे बढ़कर हर्ष निमिकुमार के लिए आपकी की बात क्या होगी? परन्तु 'ठीक है, ऐसा ही होगा। कन्या राजीमती का हाथ हम चाहते हैं नेमिकुमार की आप तैयारी करें। माँगने आया हूँ। बरात लेकर आप हमारे दरवाजे पर आयें। AVAN .... hd द्वारिका में अब नेमिकुमार के विवाह की तैयारियाँ होने लगीं। 54 15 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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