________________
तभी राजुल ने बीच में टोकाअरी बुद्ध संसार में श्यामलता नहीं होती तो गोरेपन को कौन पूछता? काली कसौटी नहीं होती तो स्वर्ण की परीक्षा कौन करता?
भगवान नेमिनाथ
राजुल के उत्तर से दोनों सखियाँ खिलखिलाकर हँस पड़ी।
जहाँ प्रेम होता है वहाँ सब दूषण-भूषण बन जाते हैं।
VED
Sod
TAGE
| विवाह मण्डप के नजदीक पहुंचने पर नेमिकुमार ने देखा। दूर एक बाड़े में अनेक प्रकार के पशु-पक्षी बँधे हुए आर्त पुकार क्रन्दन कर रहे हैं।
सारथि ! हजारों पशु-पक्षी यहाँ माल बन्द क्यों हैं ? क्यों ये क्रन्दन कर रहे हैं इनकी करुण पुकार से मेरा,
भर हृदय दुःखी हो रहा है?
Synudeकुमार ! आपके विवाह में
आये हुए मेहमानों के लिए इन पशु-पक्षियों का वध
किया जायेगा।
(
VAVAV
सुनते ही नेमिकुमार मैसे स्थम्भित हो गये।
क्या मेरे निमित्त इन। मूक प्राणियों का वध किया जायेगा? नहीं-नहीं! मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। रुको ! यहीं
रुक जाओ।
CON
17
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org