Book Title: Bhadrabahu Charitra
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: Jain Bharti Bhavan Banaras

View full book text
Previous | Next

Page 3
________________ भद्रबाहुचरित वारि हंस इव क्षीरं सारं गृह्णाति सज्जनः । यथाश्रुतं यथारुच्यं शोच्यानां हि कृतिर्मता ॥ ( श्रीवादीमसिंह ) वड़नगर निवासी श्री उदयलाल काशलीवालके द्वारा अनुवादित ( प्रकाशक मैनेजर, जैन भारती भा बनारस मिटी MAAAAAN प्रथम संस्करण ? श्री वीर- निर्वाण सं. { १००० ૧૪૧૧ शुल्क

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 129