Book Title: Banna Hai to Bano Arihant
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ प्रस्तुति madhurianism poromandatientinutemapatika भगवान महावीर ने हजारों वर्ष पूर्व जो सन्देश दिए थे वे आज भी उपयोगी हैं। उनके कहे हुए सूत्र ब्रह्मवाक्य हैं। आज हालात अवश्य बदल गए हैं, पर सूत्रों की सार्थकता यथावत् है। आप प्रतिदिन इन सन्देशों का स्मरण कर जीवन-चर्या प्रारम्भ कीजिए, दैनन्दिनी में एक अपूर्व आनन्द का अनुभव होगा। धीरे-धीरे जीवन-शैली ही बदल जाएगी।आप विस्मित होंगे कि यह परिवर्तन! __ महान जीवन द्रष्टा पूज्य श्री चन्द्रप्रभ ने महावीर-वाणी के सागर से कुछ सूत्र रूप मुक्ताओं का चयन कर जन-मानस को उसकी आभा से परिचित कराया है। हम उन सूत्रों को तर्कबुद्धि से नहीं, हृदय-भाव से परखें, तभी वे हमारे अन्तस् में उतर सकेंगे। प्रस्तुत सूत्रों में जब आप अवगाहन करें तो मात्र ज्ञान बढ़ाने के लिए नहीं; एक मुमुक्षा, जिज्ञासा से जब आप इनमें उतरेंगे तो अस्तित्व का नया अनुभव पाएँगे और यह अनुभव जीवन की आधारशिला बनेगा।क्योंकि जब अनुभव होगा तभी श्रद्धा भी फलीभूत होगी।ऐसी श्रद्धा जो न अंधविश्वास हो, न अंधानुकरण। सत्य के अनुसंधान में अपरिसीम साहस चाहिए- यह साहस एकत्रित किया है पतित-पावन गुरु श्री चन्द्रप्रभ ने। अर्थहीन धारणाओं को खण्डित करते हुए और श्री भगवान द्वारा स्थापित ध्यान-पथ पर चलते हुए वे ऐसे मुकाम पर पहुँच चुके हैं, जहाँ प्रकाश की किरणें स्वतः स्फूर्त हैं। आपकी जिज्ञासा का समाधान Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 122