Book Title: Apbhramsa Vyakaran evam Chand Alankar Abhyas Uttar Pustak
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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णिवणायकुसल (राजनीति में कुशल)
नियम 2- सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास (सप्तमी तत्पुरुष समास) णियतायपायपंकरुहभसल (निज पिता के चरणरूपी कमलों के भौरें)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) धम्मपक्खु (धर्मपक्ष को)
नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) खरपहरणधारादारिएण (प्रखर आयुधों की धार से विदारित)
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) णिवमल्ल (राजारूपी पहलवान)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) णवजोव्वणेण (नवयौवन से)
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) णयवयणइं (नीति-वचनों को)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) सीहासणछत्तइं (सिंहासन और छत्र)
. नियम 1- दंद समास (द्वन्द्व समास)
पाठ 9-जंबूसामिचरिउ . रविगहणे (सूर्यग्रहण के अवसर पर)
. नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) निययघरु (अपने घर को)
नियम 2- बिइया विभत्ति तप्पुरिस समास (द्वितीया तत्पुरुष समास) कणयमणिभरियउ (स्वर्ण तथा मणियों से भरे हुए)
नियम 2- तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास) दविणासए (द्रव्य की आशा से) ... नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) रयणसमूह (रत्न समूह को)
. नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) अपभ्रंश-व्याकरण एवं छंद-अलंकार अभ्यास उत्तर पुस्तक
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