Book Title: Apbhramsa Vyakaran evam Chand Alankar Abhyas Uttar Pustak
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 42
________________ कम्मविसेसु (कर्म की विशेषता ) नियम 2 - छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास ) पाठ 17 - सावयधम्मदोहा सायरगयहिं (सागर में लुप्त ) नियम 2 - सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास ( सप्तमी तत्पुरुष समास ) भवजलगयहिं (संसाररूपी पानी (सागर) में पड़े हुए) नियम 2- सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास ( सप्तमी तत्पुरुष समास ) मणवयकायहिं (मन-वचन-काय से) नियम 1 - दंद समास (द्वन्द्व समास ) पसुधणधण्णइं (पशु, धन और धान्य) नियम 1 - दंद समास ( द्वन्द्व समास ) परिमाणपवित्ति (परिमाण में प्रवृत्ति ) नियम 2 - सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास ( सप्तमी तत्पुरुष समास ) पत्थरणाव (पत्थर की नाव ) नियम 2 - छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास ) उवहिणीरु (समुद्र का जल) नियम 2 - छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास ) दुक्खसयाई (सैकड़ों दुःखों को) नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास ) इंधणकज्जे ( ईंधन के प्रयोजन से ) नियम 2 Jain Education International छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास ) अपभ्रंश-व्याकरण एवं छंद - अलंकार अभ्यास उत्तर पुस्तक For Personal & Private Use Only 31 www.jainelibrary.org

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