Book Title: Anusandhan 2004 07 SrNo 28
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 58
________________ July 2004 दीकरी जीवयशा परणावशे. कंस तथा वसुदेव लडवा जाय छे अने समुद्रविजयनी सूचनाथी कंसना पराक्रमने आगळ धरी वसुदेवने बदले कंसने जीवयशा परणाववामां आवे छे. 53 वसुदेवकुमार नगरमां परिभ्रमण करता रहे छे त्यारे तेना रूपथी स्त्रीओ एटली तो खेंचाय छे के महाजनो समुद्रविजय पासे आवी, स्त्रीओनी लाज लोपाती होवानुं जणावी योग्य उपाय करवानुं जणावे छे. तेथी राजा वसुदेवने ते कृश थया होवानुं बहानुं बतावी राजमहलमां ज रहेवानुं जणावे छे. पण एकवार सुगंधी द्रव्य लईने जती दासी पासेथी वळगीने ए द्रव्य लई लेतां, समुद्रविजये महेलमा रहेवानी सजा आवा स्वभावने कारणे करी छे तेनी वात जणावी देतां दुभायेला वसुदेव नगर बहार जई, एक मडदुं चितामां मूकी, चिठ्ठी लखी, पोते आत्महत्या करी छे ते जणावी गुप्तवेशे नीकळी पडे छे. बांधव समुद्रविजय विलाप करे छे. वसुदेव एमनी आ भ्रमणयात्रामां कनकवती, विद्याधरी, रोहिणी, देवकी जेवी अनेक कन्याओ स्वबळे परणे छे, अनेक पुत्रोना पिता बने छे. रोहिणी साथेना लग्न वखते जरासन्ध अने कंस स्वयंवरमां उपस्थित छतां वसुदेव पसंद कराता युद्ध थाय छे अने त्यां समुद्रविजय भाई वसुदेवने पिछाने छे अने ते मर्यो नथी जाणी आनन्द पामे छे. कंस ज्यारे ज्ञानी भगवंत द्वारा वसुदेवना दीकरा थकी पोतानुं तथा ससरा जरासन्धनुं मृत्यु थशे तेम जाणे छे त्यारे कपट करीने बेन देवकीना साते गर्भने जन्मता वेंत मांगी ल्ये छे. कंसे पिता उग्रसेन तथा माता धारिणी पर तो वेर लीधुं ज हतुं. पिताने काष्ठपिंजरमां पूर्या हता. देवकीना सात पुत्रोमांना छ पुत्रो भद्दिलपुरिनी सुलसाना मृत बाळकोने बदले आपवामां आव्या अने कंसे ते छ मृत बाळकोने शिला पर पटकीने मारी नांख्या. सातमा गर्भने बाळकने देवने प्रभावे ऊंघेला चोकीदारनी नजरमांथी चूकावीने नंदनारीनी जन्मेली बेटीना बदलामां मूकवामां आवे छे. नारी थकी मारुं मृत्यु नथी ज एम गणीने आ दीकरीनुं मात्र नाक छेदीने पाछी आपवामां आवे छे. पर्व निमित्ते देवकी गोकुल पुत्रने मळवा जाय छे. गोकुळमां कृष्ण नामधारी आ बाळक शैशवमां ज पोताना पराक्रमो दाखवतो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110