Book Title: Anusandhan 2004 07 SrNo 28
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 108
________________ July-2004 103 आ पुस्तकमां विविध गच्छनायक आचार्यो द्वारा प्रदत्त मर्यादापट्टकोनो संग्रह छे. बे रचनाओ अत्यन्त अर्वाचीन तेमज सीमित समुदायोने स्पर्शती छे, तेनो समावेश आवा ऐतिहासिक संग्रहमां विचित्र तथा कृतक भासे छे. प्रारम्भे श्रीजगच्चन्द्रसूरिनो लिखित संघादेश पट्टक आपेल छे. संकलनकारना अभिप्राय प्रमाणे आ पट्टक श्रीजगच्चन्द्रसूरिए प्रवर्ताव्यो छे. परन्तु पट्टकनी वाक्यरचना वांचतां एम समजाय छे के अणहिलपाटकमां प्रतिष्ठित श्रीश्रमणसंघे श्रीजगच्चन्द्रसूरि आदिने करेला आदेशरूप आ पट्टक छे. आ पट्टक ऐतिहासिक तो निःशङ्क छे. ५. दिव्य गहन जैन यंत्र मंत्र स्तोत्र (सचित्र-यन्त्र) सं. प्रा. हितेश पण्ड्या प्रका. हर्षदराय हेरिटेज, मुंबई, ई. २००४ भक्तामर, कल्याणमन्दिर, सकलार्हत् - आ त्रण जैन स्तोत्रोनां मन्त्रमय यन्त्रो परम्परामां प्रसिद्ध छे. ते यन्त्रोने साधक शिवानन्द सरस्वतीए नवेसरथी केन्वास पर चित्रांकित कर्यां छे. ते तमाम यन्त्रो आ ग्रन्थमा प्रगट करवामां आव्यां छे. साथे ते ते स्तोत्रोने मूळ पाठ, तेना ऋद्धि-मन्त्रो, गुजराती तथा अंग्रेजी अनुवादो पण प्रकाशित छे. मन्त्र-यन्त्र प्रेमीओ माटे उपयुक्त ग्रन्थ. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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