Book Title: Anusandhan 1996 00 SrNo 07
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 5
________________ 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. पढमाणुओग (अनु. सं. 6 ) गतविशेषनाम्नां सूचि : संस्कृत स्तवन अनुमानमातृका सावचूरि उर्दू भाषाबद्ध त्रण कृतिओ 10. श्रीहीरविजयसूरिनी सज्झाय 11. प्राकृत प्रयोगोनी पगदंडी पर 12 ट्रंकनोध : 9. उपाध्याय श्रीउदयविजय- रचित पट्टावली विसुद्धी नृसिंहविरचिता बन्धकौमुदी महोपाध्याय श्री यशोविजयजीगणिकृत 101 बोलसंग्रह श्री धर्ममंगल शिष्य - विरचित श्री अजपुर (अजार) नगरमंडनपार्श्वनाथस्तोत्र ( भाषा) श्री शांतिदास - विरचित श्री गौतमस्वामी रास (चौपाई) अनुक्रमणिका 1. उपाध्याय श्रीयशोविजयजीना अंतिम समय तथा समाधिस्थळ विषे 2. श्री हेमचन्द्राचार्यनी शिष्य परंपरा विशे. 3. अजारा तीर्थना चैत्यनी प्राचीनता 4. मुनि प्रेमविजयजीनी टीपना गुजराती शब्दो 5. 'प्रबन्धचिन्तामणि' गत एक एक दृष्टांतकथा 8. Pk. alia- 'tied 13. चर्चापत्र 14. जिनविजयजीनो एक स्मरणीय भावोद्गार 15. Short Notes 16. अवसान - नोंध Jain Education International सं. प्रद्युम्नसूर 1 सं. विजयशीलचन्द्रसूरि 12 सं. विजयशीलचन्द्रसूरि सं. विजयशीलचन्द्रसूरि सं. विजयशीलचन्द्रसूरि सं. विजयशीलचन्द्रसूरि सं. मुनि धर्मकीर्तिविजय सं. मुनि कल्याणकीर्तिविजय 85 संपा. मुनि भुवनचन्द्र सं. मुनि महाबोधिविजय ह. भायाणी विजयशीलचन्द्रसूरि अनुप्रासनी युक्तिवाळु पद्य ह. भायाणी 6. 'शत्रुंजयमंडन - ऋषभदेव - स्तुति' : थोडी पूर्ति जयंत कोठारी 7. हरिभद्रसूरिकृत 'यंदप्पहचरिय 'नी " मुनि भुवनचन्द्र सलोनी जोषी H. C. Bhayani ह. भायाणी ह. भायाणी For Private & Personal Use Only 21 43 51 168808 59 89 97 99 102 108 110 114 116 118 120 127 130 131 www.jainelibrary.org

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