Book Title: Antgadadasao evam Anuttaravavaidasao
Author(s): P L Vaidya
Publisher: P L Vaidya

Previous | Next

Page 27
________________ 37] तइयो वग्गो 11 भउब्विग्गा भीया जम्मणमरणाणं मुण्डा जाव पव्वइया / तए णं अम्हे जं चेव दिवसं पव्वइया तं चेव दिवसं अरहं आरिट्टनेमि वन्दामो नमसामो, 2 इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हामो-'इच्छामो णं, भन्ते, तुम्भेहिं अब्भणुन्नाया समाणा' जाव 'अहासुहं'। तए णं अम्हे अरहओ अब्भणुनाया समाणा जावजीवाए छटुंछ?णं जाव विहरामो। तं अम्हे अज छट्टक्खमणपारणयंसि पढमाए पोरिसीए जाव अडमाणा तव गेहं अणुप्पविट्ठा। तं नो खलु, देवाणुप्पिए, ते चेव णं अम्हे, अम्हे णं अन्ने"। देवइं देवि एवं वयन्ति, 2 जामेव दिसिं पाउब्भूया, तामेव दिसिं पडिगया // 36 // तए णं तीसे देवईए देवीए अयमेयारूवे अज्झथिए 4 समुप्पन्ने-“ एवं खलु अहं पोलासपुरे नयरे अइमुत्तेणं कुमारसमणेणं बालत्तणे वागरिया 'तुमं णं, देवाणुप्पिए, अट्ठ पुत्ते पयाइस्ससि सरिसए जाव नलकुब्बरसमाणे, नो चेव णं भारहे वासे अन्नाओ अम्मयाओ तारिसए पुत्ते पयाइस्सन्ति,' तं णं मिच्छा / इमं णं पञ्चक्खमेव दिस्सइ भारहे वासे अन्नाओ वि अम्मयाओ एरिस जाव पुत्ते पयायाओ। तं गच्छामि णं, अरहं अरिट्टनेमि वन्दामि, 2 इमं च णं एयारूवं वागरणं पुच्छिस्सामि" त्ति कटु एवं संपेहेइ / 2 कोडम्बियपुरिसे सद्दावेइ, 2 एवं वयासी-“लहुकरण... प्पवरं" जाव उवट्ठवेन्ति / जहा देवाणन्दा जाव पज्जुवासइ // 37 // . तए णं अरहां अरिट्ठनेमी देवइं देवि एवं वयासी-" से नूणं तव, देवई, इमे छ अणगारे पासित्ता अयमेयारूवे अब्भथिए 4, ‘एवं खलु अहं पोलासपुरे नयरे अइमुत्तेणं,' तं

Loading...

Page Navigation
1 ... 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176