Book Title: Antgadadasao evam Anuttaravavaidasao Author(s): P L Vaidya Publisher: P L VaidyaPage 61
________________ 143] अट्ठमो वग्गो 45 तए णं सा काली अजा अजचन्दणाए अब्भणुन्नाया समाणी रयणावलिं उघसंपजित्ताणं विहरइ / तं जहा-चउत्थं करेइ, 2 सयकामगुणियं पारे / 2 छटुं करेइ, 2 सब्वकामगुणियं पारेइ / / 2 अट्ठमं करेइ, 2 सव्वकाम...। अट्ठ छट्ठाई करेइ,२सव्वकामा...अट्ठमं...सव्वकामादसमं...सव्वकाम...। दुवालसमं...सव्वकाम.... चोद्दसमं...। सव्वकाम...। सोलसमं...सब्वकाम...। अट्ठारसमं...सव्वकाम...। वीसइमं..... सव्वकाम...। बावीसइमं...सवकाम .... चउवीसइमं... सम्बकाम...छब्बीसइमं...सधकाम...अट्ठावीसइमं...सव्वकाम... तीसइम.....सव्वकाम...। बत्तीसइमं...सव्वकाम...। चोत्तीसइमं...लवकाम... / चोत्तीसं छटाई करेइ, 2 सव्वकाम...। चोत्तीस.....सब्बकाम....। बत्तीसं...सव्वकाम...। अट्ठावीसं...सव्वकाम...। छब्धीसं...सब्वकाम...। चउवीसं सव्वकाम... बावीस...सबकाम...। वीसं...सव्वकाम... अट्ठारसमं...सबकाम...। सोलसमं...सव्वकाम...। चोद्दसमं...सवकाम...। बारसमं...सव्वकाम...। दसमं...सव्वकाम...। अट्ठसं...सजकाम...। चउत्थं...सव्वकाम...। अट्ठ छट्ठाई करेइ, 2 सम्मकामगुणियं पारेइ / एवं खलु एसा रयणावलीए तवोकम्मस्स पढमा परिवाडी एगेणं संवच्छरेणं तिहिं मासेहिं बावीसाए य अहोरत्तेहिं अहासुत्ता जाव आराहिया भवइ॥१४२॥ तयाणन्तरं का गं दोच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेइ, 2 विगइवजं पारे / 2 छटुं करेइ, 2 विगइवजं पारेइ। एवं जहा पढमाए वि, नवरं सवपारणए विगइवजं पारेइ, जाव आराहिया भवइ // 143 //Page Navigation
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