Book Title: Antgadadasao evam Anuttaravavaidasao
Author(s): P L Vaidya
Publisher: P L Vaidya

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Page 82
________________ अणुत्तरोववाइयदसासु [१८६एवं सम्वत्थ, नवरं उदरभायणं कण्णा जीहा ओट्ठा एएसिं अट्ठी न भण्णइ, 'चम्मछिरत्ताए पन्नायइ' त्ति भण्णइ // 186 // धन्ने णं अणगारे सुक्केणं भुक्खणं पायजंघोरुणा, विगयतडिकरालेणं कडिकडाहेणं, पिट्टमवस्सिएणं उदरभायणेणं, जोइजमाणेहिं पासुलिकडएहिं, अक्खसुत्तमाला इव गणेजमा हिं पिट्टिकरण्डगसंधीहिं, गङ्गातरङ्गभूएणं उरकडगदेसभाएणं, सुक्कसप्पसमाणाहिं बाहाहिं, सिढिलकडाली विव लम्बन्तेहि य अग्गहत्थेहिं, कम्पणवाइए इव वेवमाणीए सीसघडीए, पव्वायवयणकमले उब्भडघडामुहे उब्बडनयणकोसे जीवंजीवेणं गच्छइ, जीवंजीवेणं चिट्ठइ, भासं भासिस्सामि त्ति गिलाइ 2 से जहानामए इङ्गालसगडिया इ वा, जहा खन्दओ तहा, जाव हुयालणे इवभासरासिपडिच्छन्ने तवेणं तेएणं तवतेयसिरीए उवसोभेमाणे 2 चिट्ठइ // 187 // तेणं कालेणं 2 रायगिहे नयरे, गुणसिलए वेइए, सेणिए राया। तेणं कालेणं 2 समणे भगवं महावीरे समोसढे, परिसा निग्गया, सेणिए निग्गए / धम्मकहा, परिसा पडिगया / तए णं से सेणिए गाया समणस्स 3 अन्तिए धम्म सोचा निसम्म समणं भगवं महावीरं वन्दइ नमसइ, 2 एवं वयासी-"इमासि णं, भन्ते, इन्दभूइपामोक्खाणं चोदसण्हं समणसाहस्सीणं कयरे अणगारे महादुक्करकारए चेव महानिजरतराए चेव?” “एवं खलु, सेणिया, इमासिं इन्दभूइपामोक्खाणं चोद्दलव्ह समणसाहस्सीणं धन्ने अणगारे महादुक्करकारए चेव महानिजरतराए चेक"। “से केणट्रेणं, भन्ते, एवं वुच्चइ इमासिं जाव °साहस्सीणं धन्ने अण.

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