Book Title: Antgadadasao evam Anuttaravavaidasao
Author(s): P L Vaidya
Publisher: P L Vaidya

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Page 57
________________ 130] छट्ठो वग्गो हट्ट आसणाओ अब्भुट्टेइ, 2 जेणेव भगवंगोयमे तेणेव उवागया भगवं गोयमं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं वन्दइ, 2 विउलेणं असण 4 पडिविसज्जेइ // 128 // तए णं से अइमुत्ते कुमारे भगवं गोयम एवं वयासी“कहिं णं, भन्ते, तुब्भे परिवलह ? " तए णं भगवं गोयमे अइमुत्तं, कुमारं एवं वयासी--" एवं खलु, देवाणुप्पिया, मम धम्मायरिए धम्मोवएसए भगवं महावीरे आइगरे जाव संपाविउकामे इहेव पोलासपुरस्स नगरस्स बहिया सिरिवणे उजाणे अहापडिरूवं उग्गहं......संजमेणं जाव भावेमाणे विहरइ, तत्थ णं अम्हे परिवसामो” / तए णं से अइ. मुत्ते कुमारे भगवं गोयमं एयं वयासी-“गच्छामि णं, भन्ते, अहं तव्भेहिं सद्धिं समणं भगवं महावीरं पायवन्दए ? " "अहासुहं... '' // 129 // तए णं से अइमुत्ते कुमारे भगवया गोयमेणं सद्धिं जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, 2 समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ, 2 वन्दइ जाव पजुवासइ / तए णं भगवं गोयमे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागए जाव पडिदंसेइ, 2 संजमेणं तवसा... विहरइ / तए णं समणे अइमुत्तस्स कुमारस्स तीसे य...। धम्मकहा। तए णं से अइमुत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स अन्तिए धम्मं सोचा निसम्म हट्ट... जं नवरं, " देवाणुप्पिया, अम्मापियरे आपुच्छामि, तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अन्तिए जाव पव्वयामि"। " अहासुहं, देवाणुप्पिया, मा पडिबन्धं..." // 130 // तए णं से अइमुत्ते जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागए

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